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प्रोडक्ट का रेट वही, कंपनी वही, लेकिन फ्लिपकार्ट से खरीदेंगे तो अब लगेंगे ज्यादा पैसे, कहां कटेगी जेब

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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट ने चुपके से 3 रुपये का प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू कर दिया है. यह फीस ऑनलाइन और कैश ऑन डिलीवरी दोनों तरह के आर्डर पर लागू है. बता दें कि प्लेटफॉर्म फीस लेने का यह चलन स्विगी और जोमैटो जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने शुरू किया था. अब इसमें बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भी शामिल हो रही हैं.

इस फीस को वॉलमार्ट की स्वमित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट ने 17 अगस्त 2024 से लेना शुरू किया है. बता दें कि फ्लिपकार्ट पर 10,000 रुपये तक के आर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस दिखाई दे रहा है. कंपनी का कहना है कि यह फीस प्लेटफॉर्म को कुशलतापूर्वक चलाने और उसमें निरंतर सुधार करने में मदद करेगी.

यहां लागू नहीं होती प्‍लेटफॉर्म फीस
फ्लिपकार्ट ग्रॉसरी और इसके ट्रैवल वर्टिकल क्लियरट्रिप पर अभी ग्राहकों को प्लेटफॉर्म फीस नहीं देना होता है. हालांकि, फ्लिपकार्ट का फैशन वर्टिकल मिंत्रा और इसकी क्विक कॉमर्स शाखा फ्लिपकार्ट मिनट्स पर यह पहले से ही लागू है, जो 20 रुपये और 5 रुपये का शुल्क लेते हैं.

बात दें कि इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट और Zepto जैसे अन्य क्विक कॉमर्स प्लेयर्स भी प्लेटफॉर्म फीस लेते हैं, जो 4 रुपये से लेकर 9.99 रुपये तक है. यह शुल्क हैंडलिंग फीस के नाम पर लिया जाता है.

Amazon नहीं लेता प्लेटफॉर्म शुल्क
अभी अमेजन प्लेटफॉर्म शुल्क नहीं लेता है. स्थानीय क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म, जो किराने के सामान से इतर विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में विस्तार कर रहे हैं, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे स्थापित प्लेयर्स के लिए बड़ी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं.

उदाहरण के लिए जोमैटो के स्वामित्व वाला ब्लिंकिट छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिलीवरी केवल 10-15 मिनट में करता है. इन प्लेटफार्मों के तेजी से विकास ने स्थापित ई-कॉमर्स कंपनियों को क्विक कॉमर्स सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया है.