सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर रिटायरमेंट से जुड़े नियमों को लेकर फरमान जारी हुआ है. कार्मिक मंत्रालय के अधीन आने वाले पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर विभाग (DoPPW) की ओर से जारी इस गाइडलाइन में कहा गया है कि 18 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को अपना वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा. इस बाबत सभी विभागों को भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं और कहा गया है कि हर हाल में इस प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होगा.
DoPPW की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 18 साल की सर्विस पूरी करने वाले सभी कर्मचारियों जिनके रिटायरमेंट में सिर्फ 5 साल या उससे कम समय बचा है, उन्हें पीरियोडिक वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा. यह वेरिफिकेशन कर्मचारियों के क्वालीफाइंग सर्विस को तय करने में मदद करेगा. इससे पता चलेगा कि कर्मचारी के सभी जरूरी रिकॉर्ड रिटायरमेंट से पहले क्रम में व्यवस्थित हैं या नहीं.
कौन करेगा कर्मचारी का सत्यापन
विभाग की ओर से जारी निर्देश के तहत संबंधित कर्मचारी के विभाग प्रमुख और अकाउंट ऑफिस मिलकर सर्विस रूल के अनुसार कर्मचारी का रिकॉर्ड वेरिफाई करेंगे. वेरिफिकेशन के बाद कर्मचारी को बाकायदा एक सर्टिफिकेट जारी कर इस बारे में सूचित किया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को पहले से तय फॉर्मेट 4 में जारी किया जाएगा.
जरूरी होगा वेरिफिकेशन
सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 2021 के तहत सभी कर्मचारियों के लिए यह वेरिफिकेशन जरूरी होगा. यह वेरिफिकेशन हर हाल में रिटायरमेंट के 5 साल पहले ही खत्म हो जाना चाहिए. इसके साथ ही कर्मचारी को हर साल अपना क्वालिफाइंग सर्विस स्टेटस जमा करना होगा. यह प्रक्रिया 31 जनवरी के बाद शुरू हो जाएगी.
क्या है इसका मकसद
यह गाइडलाइन सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट से पहले उनकी सभी प्रक्रिया को पूरा करना है. इससे सभी कर्मचारी अपने क्वालिफाइंग सर्विस स्टेटस को लेकर पहले से ही जागरुक रहेंगे. सभी मंत्रालयों और विभागों को भी इस बारे में सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ताकि वे कर्मचारियों को समय से क्वालिफाइंग सर्विस सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कह सकें.