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PM मोदी ने बताया मोटापे से बचने का तरीका, खाने में सिर्फ 10% कम डालें यह चीज, रहेंगे फिट और तंदुरुस्त

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शरीर में जब एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है, तब यह मोटापे का रूप ले लेता है. मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो लोगों को कम उम्र में ही बीमारियों का मरीज बना देता है. आज के जमाने में मोटापा दुनियाभर में बड़ी समस्या बन गया है और इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने देहरादून में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के मौके पर फिट इंडिया स्पीच में मोटापे को लेकर बड़ी बातें कहीं. प्रधानमंत्री ने युवाओं से मोटापे को कंट्रोल करने की अपील की. उन्होंने शारीरिक गतिविधि बढ़ाने और डाइट में तेल कंट्रोल करने की भी बात कही.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. हर आयु वर्ग और यहां तक कि युवा भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि मोटापा डायबिटीज, दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है. पीएम ने देशवासियों से दो चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की. पहला हर दिन कुछ समय निकालकर व्यायाम करें, चाहे वह पैदल चलना हो या कोई और व्यायाम. दूसरा अपनी डाइट पर ध्यान दें. अनहेल्दी फैट और तेल को अपने आहार से कम करें. हर महीने हम जो तेल इस्तेमाल करते हैं, उसकी मात्रा 10 प्रतिशत तक घटा दें. ऐसे छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है और इसकी एक बड़ी वजह तेल का ज्यादा सेवन करना भी है. दिल्ली के साकेत मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. बलबीर सिंह का कहना है कि तेल और फैट हमारी डाइट में जरूरी होते हैं, क्योंकि इनमें आवश्यक फैटी एसिड्स होते हैं, जो शरीर में सूजन कम करने में मदद करते हैं और ब्रेन हेल्थ को प्रोटेक्ट करते हैं. तेल शरीर में कई तरह के विटामिन्स को अब्जॉर्ब करने में मदद करते हैं. हालांकि ज्यादा तेल खाने से शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी जमा हो जाती है. अगर कोई व्यक्ति एक्सरसाइज नहीं करता है, तो शरीर में फैट जमा हो सकती है, जिससे दिल में ब्लॉकेज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.

एक महीने में कितना तेल खाना चाहिए?

मैक्स हेल्थकेयर की क्लीनिकल न्यूट्रिशन और डाइटेटिक्स रितिका समद्दार के मुताबिक एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 20 से 25 मिलीलीटर तेल की जरूरत होती है. यह करीब 4 से 5 चम्मच होता है. इस हिसाब से एक व्यक्ति के लिए महीने में करीब 750 से 900 मिलीलीटर तेल की आवश्यकता होती है. यह मात्रा सेहत के लिहाज से ठीक है. हालांकि अधिकतर भारतीय एक महीने में एक लीटर से ज्यादा तेल का सेवन करते हैं. जो लोग दिल की बीमारियों और डायबिटीज से पीड़ित हैं, उन्हें महीने में 500 मिलीलीटर तेल ही खाना चाहिए. इस हिसाब से रोज करीब 3 चम्मच से ज्यादा तेल नहीं खाना चाहिए.

कौन सा तेल मोटापा कर सकता है कंट्रोल?

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार कोई भी तेल दिल के लिए अच्छा नहीं हो सकता, जब उसे ज्यादा गर्म किया जाए या बार-बार गर्म किया जाए. ऐसा करने से इससे टॉक्सिक एलीमेंट्स, ट्रांस फैट्स और फ्री रेडिकल्स बनते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाते हैं और दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं. डॉक्टर केवल मोनोअनसैचुरेटेड या पॉलीअनसैचुरेटेड फैट का सेवन करने की सलाह देते हैं. जैतून का तेल, कैनोला तेल, राइस ब्रान ऑयल, रैपसीड ऑयल और सरसों का तेल सावधानी के साथ डाइट में शामिल करें. घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं, जो सूजन कम करते हैं और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को घटाते हैं, लेकिन इसे केवल बहुत कम मात्रा में उपयोग करना चाहिए.