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चाणक्‍या या C-Voter नहीं, इसके एग्जिट पोल में केजरीवाल सरकार, 46 से 52 सीटें मिलने की संभावना

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देश की राजधानी दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्‍त हो चुका है. इसके साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ चुके हैं. इस बार चुनाव मैदान में सत्‍तारूढ़ AAP के अलावा बीजेपी और कांग्रेस है. ऐसे में चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय रहा. आम आदमी पार्टी और बीजेपी में शुरुआत से ही मुख्‍य मुकाबला माना जा रहा था. एग्जिट पोल के नतीजों में भी इसकी झलक स्‍पष्‍ट तौर पर देखने को मिली है. तीनों प्रमुख दलों के अलावा कई छोटी पार्टियों के प्रत्‍याशियों ने भी अपना किस्‍मत आजमाया है. इसके अलावा दर्जनों निर्दलीय उम्‍मीदवारों ने भी चुनाव मैदान में खड़ा होकर चुनौती देने की कोशिश की है.

बीजेपी दिल्‍ली की सत्‍ता से ढाई दशक से ज्‍याद समय से दूर है. कांग्रेस के 15 साल के शासनकाल के बाद आम आदमी पार्टी का उदय हुआ. आप ने विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई. पिछले 10 साल से दिल्‍ली की सत्‍ता पर आम आदमी पार्टी काबिज है. ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है कि क्‍या इस बार भी आप बाजी मारेगी या फिर कोई और पार्टी सरकार बनाने में सफल रहेगी. एग्जिट पोल के नतीजों में शुरुआती रुझान सामने आया है. हालांकि, अंतिम परिणाम 8 फरवरी 2025 को आएंगे.

बीजेपी का जोरदार प्रचार अभियान
दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की तरफ से जोरदार प्रचार अभियान चलाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम दिग्‍गज नेताओं ने चुनाव प्रचार अभियान में हिस्‍सा लिया और जनता तक अपने एजेंडे को पहुंचाने का प्रयास किया. उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍वा सरमा जैसे स्‍टार प्रचारकों ने दिल्‍ली के चुनावी रण में अपना जौहर दिखाया. इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह जैसे सीनियर लीडर्स ने भी विभिन्‍न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता तक पार्टी का एजेंडा पहुंचाने की कोशिश की.

AAP-BJP में कड़ी टक्‍कर
इस बार के विधानसभा चुनाव में सत्‍तारूढ़ आप और बीजेपी के बीच कड़ी टक्‍कर होने की संभावना जताई गई है. एग्जिट पोल के नतीजे में भी इसे स्‍पष्‍ट तौर पर देखा गया. कांग्रेस की ओर से भी जोरदार प्रयास किया गया, लेकिन चुनावी लड़ाई में कांग्रेस आप और बीजेपी से पिछड़ गई. बता दें कि पिछले दो विधानभा चुनावों में भी कांग्रेस की हालत खस्‍ता थी. इस बार भी उसी तरह की स्थिति बनती दिख रही है. कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्र‍ियंगा गांधी समेत तमाम स्‍टार प्रचारकों ने चुनाव प्रचार अभियान में हिस्‍सा लिया था.