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कानून तोड़कर देश में घुसोगे तो… 104 भारतीयों को बेड़ियों में वापस भेजने पर क्या बोला अमेरिका

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अमेरिका ने 104 भारतीयों को निर्वासित करते हुए जैसा व्यवहार किया, उसे लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है. बुधवार को लौटे भारतीयों ने जब आपबीती सुनाई, तब अमेरिका की इस हरकत का पता चला. वापसी की उड़ान के दौरान उन्हें हथकड़ी लगाई गई, जो भारत पहुंचने पर ही खोली गई. अब अमेरिका के नाम पर रटा-रटाया बयान जारी किया है. नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि आव्रजन कानूनों को लागू करना देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘यह संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि सभी अस्वीकार्य और हटाए जाने योग्य विदेशियों के खिलाफ आव्रजन कानूनों को ईमानदारी से लागू किया जाए.

इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित किए जा रहे भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘विमान द्वारा निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया संयम के उपयोग पर बल देती है. हालांकि, हमें सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को रोका नहीं गया है.’ उन्होंने कहा, ‘आवागमन के दौरान भोजन और अन्य जरूरतों से संबंधित संभावित चिकित्सा आपात स्थितियों सहित निर्वासितों की अन्य जरूरतों पर ध्यान दिया जाता है. टॉयलेट ब्रेक के दौरान जरूरत पड़ने पर निर्वासित लोगों को रोका नहीं जाता है. यह चार्टर्ड असैन्य विमानों के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी लागू होता है.’

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया नई नहीं है और यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं तो उन्हें वापस ले.अमेरिकी सेना का एक विमान बुधवार को अमेरिका में कथित तौर पर बिना दस्तावेजो के रह रहे भारतीयों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था. निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं. 104 लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं.

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