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जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया. घाटी में शांति बनी हुई है. लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. नई सरकार बनी और उसने भी अपने काम को आगे बढ़ाना शुरु किया. बस यहीं से पाकिस्तान और वहां बैठे आंतकी आकाओं को मिर्च लगनी शुरू हो गई. बर्फ अभी पिघली नही कि पाकिस्तान की साजिशें गर्म हो गई. पिछले 10 दिन के भीतर LOC के पास घटनाएं बढ़ी है. सेना के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल अशोक कुमार (रि) का मानन है कि सोची समझी साजिश के तहत LOC पर फायरिंग किया जा रहा है. चुनाव के बाद लोगों को उम्मीद थी की नई सरकार 370 को मुद्दा बनाएंगी. 370 को मुद्दा नहीं बना पूर्ण राज्य का दर्जा फोकस में है. मेजर जनरल अशोक कुमार (रि) का मानना है कि पाकिस्तान और आतंकी संगठन घाटी के सुरक्षा हालातों को डिस्टर्ब किए रखना चाहती है ताकी जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्या का दर्जा मिलने में देरी हो जाए.
पाक फौज फजीतह से बचने में जुटी
पाक फौज अपनी फजीहत से बचने के लिए कश्मीर के मुद्दों को फिर से हवा देने में लग गई है. पाकिस्तानी फौज को अपने ही देश में विद्रोहियों और आतंकी संगठन TTP से जंग लड़नी पड़ रही है. इस जंग में सबसे ज्यादा नुक्सान भी उसी को उठाना पढ़ रहा है. इसका दबाव उस पर है. जब भी पाकिस्तान की फौज पर या फिर वहा कि सरकार पर किसी भी तरह का दबाव बनाता है तो कश्मीर को एक्टिव करने का काम शुरू कर दिया जाता है. सूत्रों की माने तो आने वाली गर्मी में पाकिस्तान की तरफ से LOC और बाकी इलाकों में आतंकी घटनाओं को तेजी से अंजाम देनी की कोशिश होगी. सीजफायर एग्रिमेंट के बाद से ही भारी हथियारों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. आतंकी घुसबैठ की कोशिश के लिए छुटपुट गोलीबारी जरूर हो रही है. जिसका माकूल जवाब दिया जा रहा है. सेना ने तो स्थापित चैनलों के जरिए पाक सेना को नाराजगी भी जारी की है.
पाकिस्तानी आतंकियों की संख्या ज्यादा
पिछले कुछ सालों से आतंकी तंजीम घाटी में कमांडर घोषित करने से डरने लगी है. पहले हर तंजीम घाटी में आतंकी हमलो को अंजाम देने के लिए कमॉंडर बनाया करती थी. सेना ने सभी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. जनवरी में सेना की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल भर में जम्मू कश्मीर में कुल 73 से ज्यादा आतंकियों को अलग अलग एनकाउंटर में ढेर किया गया है. आर्मी चीफ ने अपनी सालाना प्रेस कॉंफ्रेंस में इस बात का जिक्र किया था. जम्मू कश्मीर में मारे गए आतंकियों में 60 फीसदी पाकिस्तानी है. जितने भी आतंकी अभी मौजूद है उनमें से 80 फीसदी पाकिस्तानी है. सेना प्रमुख ने LOC के हालतों पर यह भी कहा था कि फरवरी 2021 से दोनो देशों के डॉयरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के बीच सहमति के बाद से सीजफायर बरकरार है. एलओसी के पार आतंकी इंफ्रास्ट्रकचर अभी भी बने हुए है. घुसबैठ की कोशिशें लगातार जारी है.