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निवेशकों का ₹40,000 करोड़ डकार गई ओला! अभी बाजार में आए हुए नहीं हुआ 1 साल

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सोशल मीडिया पर अपने बयानों के लिए प्रख्यात भाविश अग्रवाल की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक पर संकट के बादल घिर आए हैं. यह कंपनी पिछले साल शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थी. तब से अब तक इसने निवेशकों का पैसा जमकर डुबाया है. सोशल मीडिया पर कॉमेडियन कुणाल कामरा से हुई नोक-झोंक के बाद भाविश की इस लिस्टेड कंपनी के शेयर तेजी से नीच गिरने लगे. उस बहस में ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटरों में कई तरह की खामियों और फिर सर्विस को लेकर जद्दोजहद को उजागर किया गया था. नतीजा ये हुआ कि कंपनी के शेयर भर-भराकर गिर गए.

भाविश अग्रवाल की अगुआई वाली ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट जारी रहने से निवेशकों पर भारी असर पड़ा है. कंपनी के शेयर के उच्चतम मूल्यांकन के बाद से अब तक करीब 40,000 करोड़ रुपये डूब चुके हैं. लिस्टिंग के बाद शुरुआती उछाल से 66,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन वाली कंपनी का बाजार पूंजीकरण अब घटकर 26,187.81 करोड़ रुपये रह गया है.

पिछले साल अगस्त में 76 रुपये प्रति शेयर पर अपनी शुरुआत करने वाले इस शेयर पर लगातार बिकवाली का दबाव रहा है. यह मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 3 प्रतिशत से अधिक गिरकर 58.84 रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. बढ़ते घाटे, घटते राजस्व, मौजूदा सेवा-संबंधी मुद्दों और भारतीय शेयर बाजार में व्यापक सुधार की चिंताओं ने शेयर में गिरावट में योगदान दिया है.

पिछले सप्ताह, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर फर्म ने अपने कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटे में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो कि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 376 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 564 करोड़ रुपये हो गया. इसी अवधि के दौरान फर्म का परिचालन राजस्व भी 19 प्रतिशत घटकर 1,296 करोड़ रुपये से 1,045 करोड़ रुपये रह गया. अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में, कंपनी ने तिमाही के दौरान बढ़े हुए घाटे के लिए “अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल और सेवा चुनौतियों” को जिम्मेदार ठहराया.

आईएएनएस के मुताबिक, 7 फरवरी को एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा, “अक्टूबर में त्योहारी बिक्री के कारण मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला, हालांकि, उच्च प्रतिस्पर्धी माहौल और सेवा चुनौतियों के कारण समग्र तिमाही कमजोर रही.” केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापन और अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस के आरोपों पर कंपनी को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था. नियामक निकाय ने अपनी चल रही जांच के संबंध में ओला इलेक्ट्रिक से कई स्पष्टीकरण मांगे हैं. हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने अपने स्टोर नेटवर्क का विस्तार किया है और दावा किया है कि उसने सेवा संबंधी चिंताओं को दूर कर दिया है.

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