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इधर भारत में मौसम ने अपना करवट बदला है, मगर हिंद महासागर में तो इसका काफी रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. हिंद महासागर में 234 किलोमीटर की रफ्तार से आया साइक्लोन काफी तबाही मचा रहा है. इसके प्रभाव में मॉरिशस और उसके पास में स्थित फ्रांस अधिकृत आईलैंड ला रीयूनियन भी है. साइक्लोन गारेंस शुक्रवार को देर रात 234 किलोमीटर की रफ्तार से आईलैंड पर लैंडफॉल किया. इसकी वजह से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है. फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू ने कहा कि शुक्रवार को ला रीयूनियन के फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र में चक्रवात गारेंस के आने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. इस तूफान की वजह से लगभग 1 लाख 80 हजार लोग बिना पानी बिजली के जीने को मजबूर हैं.
ताजा समाचार मिलने तक साइक्लोन गारेंस की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई. कई जगहों पर लैंड स्लाइड की भी खबर है. बताया जा रहा है ट्रॉपीकल साइक्लोन की वजह से 180,000 से ज़्यादा घरों में बिजली और 170,000 घरों में पानी की आपूर्ति बंद हो गई है. लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि इस आईलैंड के लिए डैंजर अलर्ट जारी किया गया है. फ्रांस की एक अन्य टापू मायोटे से 1500 किलोमीटर दूर इस द्वीप की पूरी आबादी, इमरजेंसी सर्विसेस और पुलिस को घरों के अंदर रहने का आदेश दिया गया है.
बचाव के लिए सेना तैयार है
बताया जा रहा है कि लगभग 100 सैनिक और फायर ब्रिगेड की टीम इस टापू से लगभग 1,500 किलोमीटर (930 मील) दूर फ्रांसीसी क्षेत्र मायोटे पर तैनात हैं. साइक्लोन के शांत होते ही उनको ला रियूनियन आईलैंड पर भेज दिया जाएगा. इससे पहले साथ ही मुख्य भूमि फ्रांस से भी 100 सैनिक और अग्निशमन कर्मी भेजे गए थे. मौसम एजेंसी मेटियो फ़्रांस के अनुसार, गारेंस ने स्थानीय समयानुसार 10:00 बजे (06:00 GMT) रीयूनियन के उत्तर में भूस्खलन किया.
खौफ और अंधेरे में जी रहे लोग
इस आईलैंड के लोग खौफ में जी रहे हैं. एक स्थानीय निवासी ने एफपी को बताया कि फरवरी 1994 के साइक्लोन हॉलैंडा के बाद से इस आईलैंड पर 234 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से साइक्लोन नहीं आई थी. उत्तरी तट के निवासी 45 वर्षीय विंसेंट क्लेन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया: ‘यह पहली बार है जब मैंने इतना शक्तिशाली चक्रवात देखा है, और यह भी पहली बार है जब मैं डर गया हूं.’
घरों की छतें उड़ गईं
बताया जा रहा है कि मेडागास्कर के पास स्थित हिंद महासागर के द्वीप के उत्तर में जब दस्तक दी, तो यहां की घरों का छतें उड़ गईं. लाखों लोग बिना बिजली और पीने के पानी की को रहने को मजबूर हैं. मेटियो फ्रांस मौसम एजेंसी ने कहा कि बताया कि कई घंटे तक तबाही मचाने के बाद यह साइक्लोन द्वीप के दक्षिण-पश्चिम से बाहर निकल गया है. अब खतरे की बात नहीं है. मगर तबाही इतनी हुई है कि लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं.