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दिल्ली-एनसीआर में 10 में से 4 लोग हैं मोटापे के शिकार….कैसे कम करें वजन

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देश में लगातार बढ़ते हुए मोटापे को नियंत्रित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों का ध्यान अब इसकी और आकर्षित कर रहे हैं. जब से देश के प्रधानमंत्री ने मोटापे पर चर्चा की है, तब से हर कोई मोटापा और इससे होने वाली दिक्कतों के बारे में बातचीत करने लगा है. इसी बीच आज विश्व मोटापा दिवस पर आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में करीब 81% लोग मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त हैं. मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (मैश) ने वर्ल्ड ओबेसिटी डे के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस कार्यक्रम में MASSH हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और मिनिमल एक्सेस सर्जरी डायरेक्टर, डॉ. सचिन अंबेकर और मैश ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की संस्थापक और सीईओ मानसी बंसल झुनझुनवाला ने मोटापे पर अपने विचार साझा किए. इस दौरान उन्होंने दिल्ली एनसीआर के आंकड़ों पर चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली एनसीआर में 10 में से चार लोग मोटापे से ग्रसित हैं.

इतना होना चाहिए BMI

मेडिकल डायरेक्टर और मिनिमल एक्सेस सर्जरी डायरेक्टर, डॉ. सचिन अंबेकर और मैश ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की संस्थापक और सीईओ मानसी बंसल झुनझुनवाला ने बताया कि लोगों का बॉडी मास इंडेक्स Body mass index (BMI) लगभग 25 से 26 के बीच होना चाहिए. अगर 26 के ऊपर है तो यानी सामने वाला शख्स मोटापे का शिकार है और अगर 30 या 32 है बॉडी मास इंडेक्स तब यह खतरे की घंटी होती है.

डॉ. सचिन अंबेकर ने कहा कि मोटापा सिर्फ सौंदर्य से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि यह एक गंभीर मेडिकल कंडिशन है, जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और यहां तक कि विभिन्न प्रकार के कैंसर का भी कारण बन सकता है. उन्होंने बताया कि बलूनिंग, 3डी लेप्रोस्कोपिक वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी, 3डी मिनी गैस्ट्रिक बायपास और 3डी लेप्रोस्कोपिक रॉक्स एन वायगैस्ट्रिक बायपास जैसी वेट लॉस सर्जरी तकनीकें उपलब्ध हैं.

ये हैं मोटापे की वजह

डॉ. अंबेकर के अनुसार प्रोसेस्ड और हाई-कैलोरी फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स और पैक्ड जूस में अधिक चीनी, बड़े पोर्शन साइज, जंक फूड और स्ट्रेस के कारण ओवरईटिंग मोटापे के प्रमुख कारण हैं. तेजी से बढ़ते शहरीकरण और एक्सरसाइज़ की कमी ने भी इसे बढ़ावा दिया है. जबकि मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के सामने बिताया गया अधिक समय निष्क्रिय जीवनशैली को बढ़ा रहा है. मोटापा न केवल शरीर की बनावट को प्रभावित करता है, बल्कि यह हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज, बांझपन और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. इसके अलावा, स्तन, पेट, कोलन और किडनी कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है. मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जिससे डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

दिल्ली में बढ़ता मोटापा और आंकड़े

एनएफएचएस-5 (NFHS-5) सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 80.7% लोग मोटापे के शिकार हैं, लेकिन 78.5% लोग अब भी खुद को सामान्य वजन वाला मानते हैं. पंजाबी बाग, रोहिणी, ग्रेटर कैलाश-2, साउथ एक्सटेंशन और डीएलएफ में यह समस्या सबसे अधिक देखी गई है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में मोटापे की दर शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और चंडीगढ़ में किए गए इस अध्ययन के अनुसार, जनरल ओबेसिटी (GO) की दर तमिलनाडु में 24.6%, महाराष्ट्र में 16.6%, झारखंड में 11.8% और चंडीगढ़ में 31.3% पाई गई. एब्डॉमिनल ओबेसिटी (AO) की दर तमिलनाडु में 26.6%, महाराष्ट्र में 18.7%, झारखंड में 16.9% और चंडीगढ़ में 36.1% पाई गई. महिलाओं, उच्च सामाजिक-आर्थिक वर्ग और डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों में मोटापे की संभावना अधिक पाई गई.

ऐसे करें बचाव

-डॉक्टर के मुताबिक अगर आप रोज 10000 कदम चलते हैं तो आपका वजन कंट्रोल होगा.
-इसके अलावा पैकेज फूड और शुगर मिले हुए फूड, फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन जितना कम करेंगे उतना अच्छा रहेगा.
– अगर सीढ़ियां चढ़ते हुए आपकी सांस फूल रही है और रोजमर्रा के काम करने में आपको दिक्कत हो रही है और आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत मिलें, क्योंकि यह मोटापे के बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं.
– सबसे ज्यादा मोटापे का शिकार महिलाएं हैं. फिर पुरुष हैं और इसके बाद बच्चे हैं. ऐसे में सभी को एक्सरसाइज करने की जरूरत है. पानी ज्यादा से ज्यादा पिए. रोज एक्सरसाइज करें या फिर मोबाइल लैपटॉप पर हर वक्त वक्त बिताने से बेहतर है कि ग्राउंड में जाकर कोई ना कोई एक्टिविटी करें या कोई खेल खेले जैसे आउटडोर गेम तमाम हैं. कोई ना कोई गेम खेलने की कोशिश करें.
– खाने में हरी सब्जियां, फल और भारतीय थाल को अपनाएं भारतीय थाल यानी जिसमें सिर्फ देसी फूड हो.

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