

दन्तेवाड़ा मुख्यालय में फागुन मेले का शुभारंभ prहो चुका है इस क्रम में मेले के आयोजन के तहत परम्परागत तौर पर ’’खोरखुदनी रस्म’’ का संपादन किया गया। इसके अन्तर्गत विधि विधान से डोली वापसी के बाद चावल और चंदन की लकड़ी को दो टोकरी में भण्डारी एवं तुड़पा (सेवादार) सहित बारह लंकवार, पडि़हार, मांझी-चालकी एवं सेवादार मेंढ़का डोबरा मैदान के देव विश्राम मंदिर में जाते है। जहाँ मंदिर के आंगन में बारह लंकवार सदस्यों द्वारा खड़े होकर सभी की खुशहाली हेतु पूजा की जाती है। जिसके बाद टोकरी लेकर वापस मंदिर आते है एवं टोकरी में रखी चावल बाजा वादकों में वितरण कर आज का कार्यक्रम समापन किया जाता है। इसके साथ ही तीसरे दिन ’’नाच मांडनी’’ का कार्यक्रम होगा।