

अमेरिका द्वारा रूस के तेल व्यापार पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूस से भारत आने वाले कच्चे तेल की आपूर्ति काफी घट गई है. फरवरी में भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गया. इस कमी को पूरा करने के लिए भारतीय रिफाइनर अब अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों के छोटे आपूर्तिकर्ताओं की ओर रुख कर रहे हैं. जनवरी में अमेरिका ने रूस के तेल व्यापार पर व्यापक प्रतिबंधों की घोषणा की. इसमें 183 टैंकरों पर प्रतिबंध लगाया गया था जो रूसी तेल ढो रहे थे. इसके अलावा दो रूसी तेल कंपनियों और रूसी बीमा कंपनियों पर भी बैन लगाए थे. इन प्रतिबंधों के कारण भारतीय रिफाइनरों के लिए मास्को के कच्चे तेल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति करना मुश्किल हो गई है. इस कमी को पूरा करने के लिए भारत अब कच्चे तेल के अन्य स्रोतों की तलाश कर रहा है.
कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स फर्म Kpler के डेटा से पता चला है कि फरवरी में भारत का रूस से तेल आयात 14.5 फीसदी घटकर 1.43 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) रह गया, जो जनवरी 2023 के बाद सबसे कम है. फरवरी में भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत रह गई, जो 2024 के औसत 38 फीसदी से काफी कम है. लेकिन, भारत के पारंपरिक पश्चिम एशियाई तेल आपूर्तिकर्ता रूस से घटी आपूर्ति का फायदा नहीं उठा पाए, जबकि कुछ छोटे देशों ने इसका पूरा लाभ उठाया.
खाड़ी देशों से आपूर्ति घटा
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से तेल आयात में गिरावट आई. वहीं, फरवरी में इराक से तेल आयात 5.5 फीसदी बढ़कर 1.09 मिलियन bpd हो गया, जबकि सऊदी अरब से आयात 6 फीसदी से अधिक घटकर 679,372 bpd रह गया. भारत का UAE से तेल आयात फरवरी में 22 फीसदी से अधिक घटकर 342,076 bpd रह गया.
ब्राजील, कोलंबिया से बढा आयात
दूसरी ओर भारत के तेल आयात के अपेक्षाकृत छोटे स्रोतों जैसे ब्राजील, नाइजीरिया, कोलंबिया, वेनेजुएला, मेक्सिको, कतर, ओमान, अल्जीरिया, कांगो गणराज्य, लीबिया और गैबॉन से तेल आयात फरवरी में बढ़ गया. फरवरी में अर्जेंटीना भी भारत के कच्चे तेल के आयात स्रोतों के नक्शे पर दिखाई दिया, जिसने लगभग 25,000 bpd की आपूर्ति की.
भारत का नाइजीरिया से तेल आयात जनवरी में लगभग 40,000 bpd से बढ़कर फरवरी में लगभग 76,000 bpd हो गया, जो लगभग 90 फीसदी की वृद्धि है. कोलंबिया से तेल आयात मात्रा 146 फीसदी बढ़कर 71,500 bpd हो गई और ब्राजील से आयात 60.6 फीसदी बढ़कर 145,000 bpd से अधिक हो गया. कतर से आयात लगभग 60 फीसदी बढ़कर लगभग 74,000 bpd हो गया और वेनेजुएला से आपूर्ति 44.4 फीसदी बढ़कर 93,000 bpd से अधिक हो गई.