

महिलाओं के लिए बिहार और ओडिशा सरकार की एक खास व्यवस्था से प्रेरित होकर देश में पहली बार एक प्राइवेट कंपनी ने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान महीने में एक दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है. दरअसल, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की दिग्गज कंपनी एल एंड टी (L&T) के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन ने पहली बार कंपनी की महिला कर्मचारियों को हर महीने में एक दिन के लिए ‘मासिक धर्म छुट्टी’ देने की सुविधा शुरू की है. कंपनी ने यह ऐलान मुंबई में के पवई ऑफिस में महिला दिवस समारोह के दौरान किया. गई. यहां पर चेयरमैन सुब्रह्मण्यन 350 महिला कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे.
एल एंड टी में 60,000 कर्मचारी हैं, इनमें वुमेन्स एंप्लाइज की संख्या 5,000 है, जो कुल वर्कफोर्स का 9 फीसदी है. हालांकि, इस लीव पॉलिसी में एलएंडटी की नॉन-कंस्ट्रक्शन और नॉन-इंजीनियरिंग बिजनेस जैसे फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी सर्विसेज से जुड़ी कंपनी शामिल नहीं हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन बिजनेस में घर से काम करने की सुविधा है, जबकि मुख्य एलएंडटी के ऑपरेशन में वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी है.
निशान पर रह चुके हैं L&T चेयरमैन
बता दें कि एल एंड टी के चेयरमैन कुछ महीने पहले कर्मचारियों को 90 घंटे काम करने की सलाह देकर लोगों के निशाने पर आ गए थे. लेकिन, अब मासिक धर्म लीव का प्रोविजन करके कंपनी ने प्राइवेट सेक्टर में एक बेहतर कदम उठाया है.
उस समय सुब्रह्मण्यन के उस बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया था जिसमें उन्होंने कहा था, “छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है, आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो.”
भारत में मासिक धर्म लीव पर कोई नियम नहीं है लेकिन एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, ओरिएंट इलेक्ट्रिक , स्विगी और ज़ोमैटो जैसे कई संगठनों और ओडिशा, बिहार और केरल जैसे राज्यों ने महिलाओं की भलाई के लिए स्वतंत्र रूप से ऐसी नीति अपनाई है.