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सिर्फ 7 सेक्‍टर्स से ही 96 फीसदी निकासी, क्‍यों इन शेयरों से पीछा छुड़ाने को बेताब है विदेशी निवेशक

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भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली का दौर जारी है. मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये निकाले. फरवरी में विदेशी निवेशकों ने 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये मूल्‍य के शेयरों की बिकवाली की. साल 2025 में अबतक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. अक्‍टूबर 2024 से अब तक एफआईआई 2.1 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. खास बात यह है कि पिछले पांच महीनों में भारत में सात क्षेत्र एफपीआई की सबसे ज्यादा बिकवाली की चपेट में आए हैं और कुल एफपीआई बिक्री में से 96% तो केवल इन सात सेक्‍टरों में ही हुई है.

विदेशी निवेशकों ने जिन सेक्‍टर के शेयर सबसे ज्‍यादा बेचे हैं, उनमें वित्तीय सेवाएं, तेल और गैस, ऑटोमोटिव (ऑटो) और ऑटो कम्पोनेंट, एफएमसीजी, उपभोक्ता सेवाएं, निर्माण और बिजली शामिल हैं. इन सात क्षेत्रों में एफआईआई की बिकवाली 2.04 लाख करोड़ रुपये रुपये रही है, जो कुल बिक्री का 96 फीसदी है. विदेशी निवेशकों ने 52,488 करोड़ रुपये मूल्य के वित्तीय सेवा क्षेत्र के शेयर बेचे. तेल और गैस शेयरों में 50,565 करोड़ रुपये, ऑटो शेयरों में 32,067 करोड़ रुपये, एफएमसीजी में 28,108 करोड़ रुपये और उपभोक्ता सेवा शेयरों में 17,005 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. बिकवाली के बावजूद, वित्तीय सेवा क्षेत्र में एफपीआई का सर्वाधिक सेक्टोरल आवंटन (30.83 फीसदी) बना रहा. इसके बाद 9.87 फीसदी के साथ आईटी और 7 फीसदी के साथ तेल, गैस एवं उपभोग योग्य ईंधन का स्थान रहा है.

इन सेक्‍टरों में लगाया पैसा
भारतीय शेयरों की भारी बिकवाली के बीच कुछ सेक्‍टरों में एफआईआई ने पैसा भी लगाया है. जिन सेक्‍टरों में निवेश किया है उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, रियल एस्‍टेट और दूरसंचार प्रमुख हैं. एफपीआई ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 6,000 करोड़ रुपये, रियल एस्टेट में 3,258 करोड़ रुपये और दूरसंचार शेयरों में 738 करोड़ रुपये का निवेश किया है. टेक्स्टाइल और केमिकल शेयरों में भी विदेशी निवेशकों ने पैसा लगाया है