

इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम आखिरकार टूट गया है. दो महीने तक यह युद्धविराम चला, लेकिन मंगलवार की सुबह अचानक इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमला बोल दिया. गाजा सरकार के मीडिया ऑफिस के मुताबिक हमले में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह हमला अचानक नहीं हुआ है. इसके बारे में इजरायल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दे दी थी. लेकिन सवाल है कि आखिर यह सीजफायर क्यों नहीं चल सका? इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसके बारे में बताया है. IDF के हमला करने के बाद उन्होंने एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा, ‘आज रात हम गाजा की लड़ाई में वापस आ गए हैं. हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से मना करने और IDF सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के मद्देनजर ऐसा किया गया है.’ इजरायल ने गाजा पर ऐसे समय में हमला किया है जब अमेरिका यमन के हूतियों पर बम बरसा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘अगर हमास सभी बचे 59 बंधकों को रिहा नहीं करता तो गाजा में नरक के दरवाजे खुल जाएंगे. हम हमास पर ऐसी ताकत से हमला करेंगे, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा. काट्ज ने कहा कि जब तक सभी बंधक घर वापस नहीं आ जाते और युद्ध के सभी उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते, हम लड़ाई बंद नहीं करेंगे.’ वहीं हमास ने समझौते की मूल शर्तों पर टिके रहने पर जोर दिया है. IDF ने एक बयान में कहा, ‘आईडीएफ और ISA वर्तमान में गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी संगठन से जुड़े ठिकानों पर व्यापक हमले कर रहे हैं.’
क्या बोला वाइट हाउस
रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने पहले ही ट्रंप प्रशासन को इस हमले की जानकारी दे दी थी. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा, ‘हमास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया और युद्ध का विकल्प चुना.’ इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कराया था.