

बैंक ऑफ बड़ौदा ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी (पीएम-विद्यालक्ष्मी) योजना शुरू करने का ऐलान किया है. पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना हायर एजुकेशन हासिल करने के लिए आर्थिक सहायता चाहने वाले छात्रों के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पैसों की कमी भारत के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न करें. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने बयान में कहा, आवेदक पीएम-विद्यालक्ष्मी मंच के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा से पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना के तहत शिक्षा ऋण के लिए डिजिटल रूप से आवेदन कर सकते हैं.
देश भर के विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक के पास 8,300 से अधिक शाखाओं के अलावा 12 डेडिकेटेड एजुकेशन लोन अप्रूवल सेल और 119 खुदरा परिसंपत्ति प्रसंस्करण प्रकोष्ठ हैं.
पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना एक स्पेशल लोन सर्विस है. इसके तहत बिना किसी जमानत और बिना किसी गारंटर के शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है, इसे पूरी तरह से डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से सुलभ बनाया गया है.
लोन की रकम और रिपेमेंट
-लोन अमाउंट, कोर्स और बैंक के अनुसार अलग-अलग हो सकता है.
-आमतौर पर 10 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है.
-लोन के रकम की भुगतान की अवधि पढ़ाई पूरा होने के बाद 1 वर्ष की छूट अवधि के साथ मिलती है.
कैसे आवेदन करें?
-लोन पाने के लिए विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर जाएं.
-रजिस्ट्रेशन और लॉगिन के बाद सामान्य शिक्षा ऋण आवेदन पत्र भरें.
-विभिन्न बैंकों की योजनाओं की समीक्षा करें और आवेदन जमा करें