

वक्फ कानून को लेकर देशभर में इन दिनों हंगामा मचा है. इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के नेता और धर्मगुरु खास तौर से चिंता जता रहे हैं. संसद से वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पारित होते ही इसकी संवैधानिक वैध्यता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जियों का अंबार लग गया. शीर्ष अदालत में सोमवार वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इन याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई, लेकिन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उनकी एक न सुनी.
कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने सभी याचिकाओं की तत्काल लिस्टिंग की मौखिक रूप से मांग की, लेकिन सीजेआई खन्ना ने साफ शब्दों में कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट में ‘तत्काल सुनवाई के लिए एक मजबूत और व्यवस्थित प्रणाली’ पहले से मौजूद है और मौखिक निवेदन की कोई आवश्यकता नहीं है.
सिब्बल की मांग और सीजेआई का जवाब
कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि उन्होंने याचिका की अर्जेंसी के लिए पत्र पहले ही भेज दिया है, जिस पर सीजेआई खन्ना ने जवाब दिया, ‘मैं पत्र देखूंगा और जरूरी कदम उठाए जाएंगे. हर दोपहर मेरे समक्ष ऐसी अर्जियां प्रस्तुत की जाती हैं. मौखिक रूप से कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है.’