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शिक्षित बेरोज़गारों को रोज़गार देने से बचने प्रदेश सरकार के इशारे पर आयोग परीक्षाओं को लेकर उलझनें खड़ी कर रहा – अमित साहू

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भाजयुमो को आशंका : शिक्षित बेरोज़गारों को रोज़गार देने से बचने प्रदेश सरकार के इशारे पर आयोग परीक्षाओं को लेकर उलझनें खड़ी कर रहा

0 प्रदेश अध्यक्ष अमित की चेतावनी : प्रदेश सरकार और आयोग साजिशाना हरक़त से बाज नहीं आए तो इसके लिए अभ्यर्थियों के साथ हर स्तर पर संघर्ष करके न्याय दिलाएंगे

रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2019 की लिखित परीक्षा में शामिल प्रदेशभर के अभ्यर्थियों की परेशानी और नाराज़गी को लेकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है। श्री साहू ने आशंका जताई कि प्रदेश सरकार के इशारे पर आयोग इन परीक्षाओं को लेकर विवाद की स्थिति पैदा कर रहा है, ताकि क़ानूनी प्रक्रिया से उसके समाधान तक प्रदेश सरकार शिक्षित बेरोज़गार युवकों को रोज़गार देने से बच सके। श्री साहू ने चेतावनी दी कि प्रदेश सरकार और आयोग इस साजिशाना हरक़त से बाज नहीं आए तो और फ़ौरन इन परेशान अभ्यर्थियों की आपत्तियों के निराकरण को लेकर सचेष्ट नहीं हुए तो भाजयुमो इसके लिए अभ्यर्थियों के साथ हर स्तर पर संघर्ष करके उनके भविष्य को दाँव पर नहीं लगने देगा।

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष श्री साहू ने कहा कि बस्तर से लेकर रायगढ़ तक आयोग की लापरवाही से अभ्यर्थी सहायक प्राध्यापक और सहायक संचालक कृषि की लिखित परीक्षाओं के दर्ज़नभर से ज़्यादा प्रश्न विलोपित कर दिए जाने से नाराज़ और परेशान हैं। विसंगति तो यह है कि इन विलोपित प्रश्नों में सही प्रश्न भी हैं, जबकि कई ग़लत प्रश्नों को रहने दिया गया है। श्री साहू ने इन परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों की नाराज़गी से सहमत होते हुए कहा कि इस तरह के प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञों की प्रश्नपत्र तैयार करने से पहले परीक्षा ली जानी चाहिए ताकि परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों को बाद में इस तरह के संत्रास से न जूझना पड़े। श्री साहू ने कहा कि अभ्यर्थियों की आपत्तियों का आयोग ने सही ढंग से निराकरण नहीं किया, जिसके चलते उन्हें काफी नुक़सान उठाना पड़ रहा है। इसी तरह दावा-आपत्तियों के लिए प्रति प्रश्न लिया जाने वाला शुल्क भी आपत्ति सही होने के बाद भी नहीं लौटाया जाता। इन अभ्यर्थियों को पोर्टल चार्ज और दस्तावेज़ मुहैया कराने में भी काफी ख़र्च करना पड़ता है। श्री साहू ने तंज कसा कि प्रदेश सरकार एक तो बेरोज़गारों को साथ क़दम-क़दम पर छलावा कर ही रही है, बेरोज़गारी भत्ते के नाम पर युवकों को ठेंगा दिखाने में ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रही है, ऊपर से बेराज़गार अभ्यर्थियों पर इन सबसे आर्थिक भार पड़ रहा है। श्री साहू ने आयोग और प्रदेश सरकार से तत्काल इस समस्या का सार्थक समाधान करके पीड़ित अभ्यर्थियों को राहत पहुँचाने की मांग की है।