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छत्तीसगढ़ की बेटियाँ बनी किसान की बैशाखियाँ: हौसला औप्जायिक के लिए 4लाख रु. CM बघेल

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Daughters of Chhattisgarh became farmer's crutches: Rs 4 lakh for encouragement. CM Baghel
kishaan ki baishakhiyan

कोंडागांव, 05 दिसंबर | kishan ki baishakhiyan : ये कैसी विडंबना है आज देश के विकास में कुछ तथा कथित संपन्न किसान देश की राजधानी दिल्ली को घेर के बैठे हैं, और ये कैसे किसान है जो 5 स्टार होटलों की सुख भोग रहें है। तो वंही दूसरी तरफ इसी देश का किसान जिसके पास रहने के लिए आशियाना नहीं है, बीज नहीं है, खाद नहीं है, तन पे कपडे नहीं है, उस गरीब किसान की बेटियां जिनका बचपन खेल में और पढ़ने में लगना चाहिए था आज वो बेटियां बाप को कन्धा देकर मिशाल कायम कर रही है।

ऐसे ही कोंडागांव जिले के उमरगांव की 2 बेटियां 22 साल की हेमबती और 18 साल की लखमी ने मिशाल कायम की। जिनके मिशाल की चर्चाएं अखबारों में भी प्रकाशित हो रही है।

यह कहानी कोण्डा गांव जिले के उमराओ गांव की है जहां गरीब किसान पिता को खेत बेचने से रोकने के लिए उनकी मदद के लिए बैलों की जगह खुद हल में उनकी दो बेटियां जुताई करने लगती है।

जुताई करने वाली दो बेटियों (kishan ki baishakhiyan) की कहानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी मर्माहत कर दिया. तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिवार की मदद के लिए 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की.

बता दें की उनके पिता अमल साय एक गरीब किसान हैं। मां भी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं। गरीबी की वजह से अमल साय अपनी बेटियों को पढ़ा नहीं पाए। परिवार के भरण-पोषण के लिए जब खेत बेचने की नौबत आ गई, तब बेटियों ने अपने पिता को रोकते हुए कहा आप हमारी जिंदगी बदलने के लिए खेत बेचना चाहते हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। यही खेत हमारी जिंदगी बदलेंगे। हम आपका साथ देंगी।

बेटियों की मदद के बाद किसान अमल साय की खेती संभलने लगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने भी परिवार को सम्भाल दिया। उन्हें उपज की अच्छी कीमत मिलने लगी।

अब यह परिवार कम संसाधनों के बावजूद पांच एकड़ में खेती करता है, लेकिन इसके लिए बेटियों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ अब भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अखबारों में यह कहानी (kishan ki baishakhiyan) प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने कोंडागांव जिला कलेक्टर से परिवार की पूरी जानकारी मंगाई, ताकि उनकी मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने इस परिवार के लिए 04 लाख रुपए की मदद स्वीकृत की है।