रायपुर,16 दिसंबर | Sadi me Juta Chori : शादी .. (विवाह) … में सिर्फ दूल्हा-दुल्हन ही नहीं बल्कि दोनो के परिवार का हर सदस्य उत्साह और उमंग के साथ खुशियां मनाता है।
एक ओर जहां (Sadi me Juta Chori) शादी के कई पारंपरिक रीति-रिवाज जुड़े हैं, वहीं आधुनिक शादियों में दूल्हे के जूते चूराने की भी एक परंपरा देखने में आती है।
इस परंपरा का उद्देश्य होता है कि दोनों परिवारों के मध्य आपसी प्रेम बना रहे। और समारोह में थोड़ी हंसी-मस्ती का माहौल बन जाए।
इस परंपरा में दूल्हे के जूते दुल्हन की बहने और सहेलिया चुरा लेती हैं।
जूते लौटाने पर बदले में दूल्हे को उन्हें रुपए देने होते हैं। यह प्रथा एक खेल की तरह ही है।
इसके लिए (Sadi me Juta Chori) दुल्हन की बहनें और सहेलियां पूरी कोशिश करती है कि किसी भी तरह दूल्हे के जूते हाथ में आ जाए तो दूसरी तरफ दूल्हे के भाई और दोस्त यह कोशिश करते हैं कि दूल्हे के जूते चोरी ना हो सके।
यह दोनो ही परिवार की प्रतिष्ठा का मुद्दा होता है ।