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क्या है ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस? जिसकी PM मोदी ने G20 समिट में की घोषणा, 10 पॉइंट्स में समझें इसका महत्व

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भारत में G20 समिट का आयोजन चल रहा है, जिसमें दुनियाभर की महाशक्तियां दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में जुटी हैं. पीएम मोदी ने समिट के पहले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस की घोषणा की. उन्होंने ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस के लॉन्च को ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया. भारतीय प्रधानमंत्री ने इसे स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया है. क्या है ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस का महत्व? पीएम मोदी ने जिससे पूरी दुनिया को जुड़ने का आह्वान किया है. आइए 10 पॉइंट्स में इसके बारे में सब कुछ जानते हैं…

G20 समिट में विश्व नेताओं के बीच पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस’ को लॉन्च किया है. यह भारत की पहल है. इसके संस्थापक सदस्य भारत, अमेरिका और ब्राजील हैं. तीनों देश बायोफ्यूल्स उत्पादकों और उपभोक्ताओं के रूप में मिलकर काम करेंगे. वहीं अन्य इच्छुक देशों को भी शामिल किया है.

इस गठबंधन का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र सहित बायोफ्यूल्स के उपयोग को तेज करना है.

G-20 के 7 देश- भारत, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, इटली, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका सहित कम से कम 19 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन पहले ही ग्लोबल बायोफ्यूल्स गठबंधन में शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं.

गठबंधन मौजूदा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम करेगा. साथ ही यह युवाओं को रोजगार देने में बड़ी भूमिका निभाएगा. इससे आर्थिक विकास में बड़ा योगदान होगा.

वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, विश्व एलपीजी संगठन, इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी, इंटरनेशनल एनर्जी प्लेटफॉर्म, इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी और वर्ल्ड बायोगैस एसोसिएशन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन ग्लोबल बायोफ्यूल्स गठबंधन का भी हिस्सा होंगे.

बांग्लादेश, सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, आइसलैंड, केन्या, गुयाना, पराग्वे, सेशेल्स, श्रीलंका, युगांडा और फिनलैंड भी जीबीए का सदस्य बनने के लिए सहमत हुए हैं.

यह नई पहल भारत के मौजूदा बायोफ्यूल्स प्रोग्राम जैसे पीएम-जीवनयोजना, सतत और गोबरधन योजना में तेजी लाने में मदद करेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि, नौकरियां पैदा करने और भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान मिलेगा.

ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस (जीबीए) विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करेगा क्योंकि यह एलायंस सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा और प्रौद्योगिकी निर्यात और उपकरण निर्यात के रूप में भारतीय इंडस्ट्रीज को और अधिक अवसर प्रदान करेगा.

गठबंधन के तीन संस्थापक सदस्य- अमेरिका, भारत और ब्राजील हैं. ये वैश्विक उत्पादन में लगभग 85% और इथेनॉल की खपत में 81% योगदान करते हैं.

बायोफ्यूल्स का तात्पर्य बायोमास से प्राप्त रिन्यूएबल फ्यूल से है. इसका सोर्स पौधे या कृषि, पशु, घरेलू वेस्ट है. जैव ईंधन पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की तुलना में काफी स्वच्छ हैं. इसलिए भारत इसे अधिक बढ़ावा दे रहा है.