प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय समुद्री अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक रूपरेखा ‘अमृत काल विजन 2047’ पेश किया. यह ब्लूप्रिंट बंदरगाह सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल का उल्लेख करता है. बता दें कि यह शिखर सम्मेलन 19 अक्टूबर तक मुंबई के MMRDA मैदान में आयोजित किया जाएगा.
-इतिहास साक्षी है कि जब भी भारत की मैरीटाइम क्षमता मजबूत रही है, देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है. इसी सोच के साथ बीते 9 वर्षों से हम इस सेक्टर को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
-हाल ही में भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मैरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है. G20 समिट के दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है. सैंकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये दुनिया के कईं देशों के विकास का आधार बना था. अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
-आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं. हमने मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) 2023 के तीसरे संस्करण में आप सभी का स्वागत करता हूं. आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है और इस बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है.”