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चुनाव नतीजों के बाद धान बेचने किसान पहुंचने लगे उपार्जन केंद्र, माला पहनाकर स्वागत

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छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में अभी तक किसान चुनावी घोषणाओं के चलते धान बेचने उपार्जन केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं. कई किसान धान बिक्री करने के लिए काउंटिंग का इंतजार कर रहे थे क्योंकि किसी भी बड़ी पार्टी की सरकार बने, किसानों को धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए या 3200 रुपए प्रति क्विंटल मिलना तय था. अच्छी कीमत की आस में नई चुनाव परिणा घोषित होने के बाद किसान उपार्जन केंद्रों पर धीरे-धीरे पहुंचने लगे हैं. इस मौके पर साल के आखरी महीने में मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के धान उपार्जन केंद्र ग्राम घुटरा में धान खरीदी का शुभारंभ किया गया.

इस दौरान सहायक नोडल अधिकारी रामबदन सिंह एवं प्रभारी दिलीप पटेल के द्वारा घुटरा में धान खरीद के लिए कुल 3 तीन टेबल जारी किया गया था. इसमें 1 टोकन के माध्यम से 29 बोरी लगभग 11.60 क्विंटल धान क्रय किया गया. धान खरीदी केंद्र में नोडल अधिकारी उमेश कुमार पाण्डेय जिला प्रबंधक के द्वारा चेक लिस्ट अनुसार धान खरीदी के लिए घुटरा के प्रभारी और अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित किया. वहीं बरबसपुर समिति में 143 क्विंटल धान खरीदी के साथ शुक्रवार को बोहनी हुई. उजियारपुर के किसान ननका राम साहू ने धान बेचा.

चुनाव के बाद किसानों का उपार्जन केंद्र पहुंचना शुरू
समिति प्रबंधक चंद्र प्रकाश साहू और बरबसपुर सरपंच सावन कुमार की मौजूदगी में समिति पहुंचे किसान को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया. महीने भर बाद 143 क्विंटल के साथ पहली बोहनी पर सरपंच ने अन्य किसानों से कहा कि वे भी जल्द धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र पहुंचे. विधानसभा चुनाव के चलते किसान अभी तक धान बेचने उपार्जन केंद्र नहीं आ रहे थे, लेकिन अब चुनाव पश्चात किसान उपार्जन केंद्रों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव खेला हैं. जहां किसानों को 3200 रूपए क्विंटल धान खरीदने का वादा किया हैं. जिसके चलते छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी किसानों ने बीजेपी को सौंपी हैं.

मनेन्द्रगढ़ में धान खरीदी की गति धीमी
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू हो गया था, लेकिन इस साल धान बेचने के मामले में किसान काफी पीछे हैं. इसका प्रमुख कारण किसानों की नजर कर्ज माफी और धान के समर्थन मूल्य का होना बताया जा रहा है. अभी तक मनेन्द्रगढ़ के किसान धान विक्रय के मामले में पीछे चल रहे हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल अभी तक बहुत कम किसानों ने धान बेचा हैं, धान खरीदी अब तक गति नहीं पकड़ पाई हैं. वहीं राज्य सरकार ने खरीदे गए सारे धान को तत्काल कस्टम मिलिंग के लिए जारी कर दिया हैं. जिला विपणन संघ ने राइस मिलों को रिलीज ऑर्डर भी जारी कर दिया हैं, लेकिन संतोषजनक धान किसानों की ओर से न आने से धान खरीदी धीमी गति से चल रही हैं. वहीं कई गांव से धान खरीदी केंद्र में अभी तक एक बोरी भी धान नहीं आया है.