मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस के अधिकारियों ने निकारगुआ जा रहे जिस विमान को पेरिस से 150 किलोमीटर दूर वैट्री हवाई अड्डे पर रोक रखा है उसके 303 यात्रियों से रविवार को चार न्यायाधीशों ने पूछताछ शुरू की। स्थानीय अखबार ने यह जानकारी दी. खबर के मुताबिक न्यायधीश यात्रियों को और अधिक समय तक हिरासत में रखने के संबंध में फैसला करेंगे. यात्रियों में अधिकतर भारतीय हैं.
‘ले मोंडे’ अखबार ने खबर दी, “न्यायाधीशों के पास सीमा पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हिरासत आदेश को शुरू में आठ दिनों के लिए और यदि आवश्यक हो तो और आठ दिन बढ़ाने का अधिकार है. यात्रियों से पूछताछ करने के लिए उनके पास दो दिन का समय है. अनुवादक न्यायाधीशों का सुनवाई में सहयोग कर रहे हैं.”
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक कुछ यात्री हिंदी और कुछ तमिल में बात कर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने परिवारों से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क किया है. अखबार ने मामले से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि दस यात्रियों ने शरण देने का अनुरोध किया है.
फ्रांसीसी अभियोजकों के मुताबिक विमान में 11 बिना अभिभावक के नाबालिग और दो वयस्क यात्री गत शुक्रवार से ही हिरासत में हैं, उनकी हिरासत शनिवार शाम को अगले 48 घंटे तक बढ़ा दी गई थी. विमान का स्वामित्व रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस के पास है. कंपनी की वकील लिलियाना बाकायोको ने मानव तस्करी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
लिलियाना ने बताया कि एक ‘साझीदार’ कंपनी ने विमान को किराए पर लिया था और वही प्रत्येक यात्री के पहचान दस्तावेज को सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार थी. वह उड़ान से 48 घंटे पहले यात्रियों की पासपोर्ट जानकारी विमानन कंपनी को देती है. फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.