आपके पास गाड़ी या बाइक है तो यह खबर आपके काम की है. बीते करीब डेढ़ साल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन अब बुरे संकेत आ रहे हैं. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है. सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें डीजल पर प्रति लीटर 3 रुपये का घाटा हो रहा है, जबकि पेट्रोल के मुनाफे में भी कमी आई है.
पेट्रोलियम सेक्टर के बड़े अधिकारियों ने बताया कि पेट्रोल पर मुनाफे में कमी आने और डीजल पर घाटा होने से पेट्रोलियम विपणन कंपनियां खुदरा कीमतों में कटौती करने से परहेज कर रही हैं. दूसरी ओर, अप्रैल 2022 से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है. देश के 90 फीसदी तेल बाजार पर सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का कब्जा है. इन कंपनियों ने क्रूड के दाम बढ़ने या घटने पर भी तेल की खुदरा कीमतों में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं किया.