प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 13 हजार करोड़ रुपयों का उपहार बिहार को दिया है. इसमें रेल, रोड, इथेनॉल प्लांट, सिटी गैस सप्लाई, एलपीजी गैस, ऐसी अनेक परियोजनाएं शामिल हैं. इनमें एक परियोजना है पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन एनएच-28ए और 527डी का निर्माण 68.6 किमी लंबाई में 400 करोड़ में पूरा हुआ है. इस सड़क परियोजना का काम 2019 में शुरू किया गया था और अब इस सड़क परियोजना का काम पूरा हुआ तो पीएम मोदी ने इसका लोकार्पण भी कर दिया. इस सड़क के बनने से नेपाल तक आावगमन की सुविधा बेहतर हो सकेगी. नेपाल बॉर्डर से उत्तर बिहार का संपर्क मजबूत होगा और नेपाल जाना आसान हो सकेगा. उत्तर बिहार नेपाल बॉर्डर से जुड़ जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बेतिया से कई परियोजनाओँ की सौगात दी. जिनमें नरकटियागंज गौनाहा आमान परिवर्तित रेल खंड भी शामिल है. बेतिया रेल फ्लाई ओवर के बेतिया लौरिया भाग का उद्घाटन किया गया. एनएच 28 ए का दो लेन पेव्ड शोल्डर सहित पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल खंड जनता को सौंपा गया. एनएच 104 का दो लेन पेव्ड शोल्डर के साथ शिवहर-सीतामढ़ी खंड का उद्घाटन किया गया.
इंडियन ऑयल मुजफ्फरपुर-मोतिहारी एलपीजी पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया गया. इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मोदी ने बापूधाम मोतिहारी पिपराहा रेलखंड दोहरीकरण के कार्य पूर्ण होने पर राष्ट्र को समर्पित किया. इंडियन ऑयल मोतिहारी एलपीजी प्लांट, इंडियन ऑयल पाइपलाइन टर्मिनल मोतिहारी भी राष्ट्र को समर्पित किया. इसके साथ ही नरकटियागंज गोंडा रेल सेवा और रक्सौल जोगबनी रेल सेवा का शुभारंभ किया गया. वहीं, गोरखपुर कैंट बाल्मीकि नगर रेल खंड के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण के साथ बेतिया रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया गया.
एनएच 139 डब्ल्यू का गंगा नदी पर पटना में दीघा सोनपुर रेल शहर सड़क पुल के समानांतर पश्चिम में (180 मीटर अपस्ट्रीम) सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज के साथ एनए 139 व का फोरलेन बाकरपुर हाट-मानिकपुर खंड, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और देवरिया में शहरी गैस वितरण परियोजना और बल की सुगौली और लौरिया में अनाज आधारित एथेनॉल परियोजनाओं का शिलान्यास भी पीएम मोदी ने किया.
इन परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश और बिहार में रेल नेटवर्क का विस्तार होगा. पटना की गोल्डन क्वॉड्रिलैटरल कॉरिडोर से सुदृढ़ कनेक्टिविटी होगी साथ ही लॉजिस्टिक लागत में कमी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संपर्क को प्रोत्साहन होगा. नेपाल को पाइपलाइन द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात आसानी से किया जा सकता है. मोतिहारी प्लांट द्वारा बिहार के गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण और उत्तर प्रदेश के कुशीनगर एवं देवरिया जिलों में एलपीजी की आपूर्ति होगी.