जम्मू कश्मीर में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यहां वॉलेट के जरिए कोई भी ऑनलाइन लेन-देन होगा तो इस पर आयोग की कड़ी निगरानी रहेगी. वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड पर राजीव कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें ब्योरा सौंपने का आदेश दिया था. हम पारदर्शिता के समर्थन में हैं. ईसीआई में हम जो कुछ भी करते हैं, वह दो स्तंभों पर आधारित होता है प्रकटीकरण और सिर्फ प्रकटीकरण ही. उन्होंने कहा कि मतदाता को यह जानने का अधिकार है कि हम क्या करते हैं? एसबीआई ने इसे हमें दे दिया है और मैं वापस जाकर डेटा पर गौर करूंगा. हम इसे समय पर प्रकाशित करेंगे. पर चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के बारे में उनसे पूछता गया तो उन्होंने कहा कि यह मेरा डोमेन नहीं, क्योंकि फैसला सरकार को लेना है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2024 में देश में विधानसभा चुनाव समेत कई चुनाव होने हैं. जम्मू-कश्मीर की हर पार्टी से हम मिले है. सीपीएम, बीजेपी, पीडीपी ये पार्टियां हमसे मिलने आई और कहा चुनाव निष्पक्ष कराए जाए. उन्होंने कहा कि हमने राजनीतिक दलों, पुलिस अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मुलाकात की है. इन सभी का कहना था कि यहां जन प्रतिनिधि होने चाहिए और जल्द से जल्द चुनाव होने चाहिए. कुछ पार्टियों ने समान सुरक्षा कवर की मांग की है. इन पार्टियों ने हमें बताया कि डीडीसी चुनावों के दौरान समान अवसर नहीं थे. उन्होंने कहा कि स्थानीय पार्टियों ने हमें बताया कि प्रशासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान व्यवस्था की मांग की है. उन्होंने कहा है कि स्थानीय पार्टियों की मांग है कि एक चरण में एक संसदीय क्षेत्र का चुनाव कराया जाए.
सीईसी राजीव कुमार ने कहा है कि जम्मू एंड कश्मीर में 5 लोकसभा सीटें हैं, जो सामान्य सीटें हैं. यहां 86.9 लाख मतदाता हैं, जिसमें 44 लाख पुरुष और 42 लाख महिला वोटर्स हैं. वहीं राज्य में 67400 दिव्यांग व्यक्ति हैं. जम्मू-कश्मीर में 100 साल से अधिक उम्र के 2886 मतदाता हैं. उन्होंने बताया कि 3.4 लाख पहली बार मतदान करेंगे और 2019 में लिंग अनुपात 945 से बढ़कर 954 हो गया है. 16 विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाता अनुपात 1000 से अधिक है. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 11629 मतदान केंद्र हैं और 747 प्रति मतदान केंद्र पर औसत मतदाता की संख्या है. 52% मतदान केंद्रों को वेबकास्ट किया जाएगा और 93 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिला परिधानों द्वारा किया जाएगा.
चुनाव आयुक्त ने बताया कि बुजुर्ग मतदाताओं के लिए इस बार यहां ‘वोट फ्रॉम होम’ का विकल्प भी दिया जा रहा है. शिकायतों पर कार्रवाई करने और जवाब देने के लिए 100 मिनट का समय दिया जाएगा.