लोगों को स्टॉक मार्केट से जुड़ी गुमराह करने वाली सलाह देने वालों पर बाजार नियामक सेबी (SEBI) की सख्ती जारी है. सेबी ने प्रसिद्ध फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर (Finfluencer) रविंद्र बालू भारती पर सख्त कार्रवाई करते हुए बैन लगा दिया है. साथ ही उन्हें 12 करोड़ रुपये भरने के निर्देश भी दिए हैं. रविंद्र भारती पर आरोप है कि उन्होंने 1000 फीसदी तक रिटर्न देने के दावे किए थे. सेबी की गाज उनकी पत्नी शुभांगी और कंपनी रविंद्र भारती एजुकेशन इंस्टिट्यूट (RBEIPL) पर भी गिरी है.
पत्नी और कंपनी पर भी लगाया बैन
सेबी ने रविंद्र भारती को आदेश दिया है कि वह और उनकी पत्नी सिक्योरिटी मार्केट की किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. उन्हें यह 12 करोड़ रुपये एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करने होंगे. सेबी ने कहा है कि यह पैसा उन्होंने गलत तरीके से कमाया है. रविंद्र भारती एक मशहूर फिनफ्लुएंसर हैं. उनके 20 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं. रविंद्र भारती एजुकेशन इंस्टिट्यूट (Ravindra Bharti Education Institute) की स्थापना उन्होंने अपनी पत्नी शुभांगी के साथ मिलकर 2016 में की थी.
वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों पर भी हुआ एक्शन
उनकी कंपनी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से जुड़ी शैक्षणिक गतिविधियां करती थी. इसके अलावा वह भारती शेयर मार्केट (Bharti Share Market) नाम से वेबसाइट भी चलाया करते हैं. इसके अलावा वह भारती शेयर मार्केट मराठी (Bharti Share Market Marathi) और भारती शेयर मार्केट हिंदी (Bharti Share Market Hindi) नाम से दो यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं. इनके लगभग 18.22 लाख सब्सक्राइबर हैं. यह भी कार्रवाई के दायरे में आए हैं.
निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए की गई कार्रवाई
सेबी के अनुसार, यह इंस्टिट्यूट गलत सलाह जारी कर रहा है. साथ ही इसे चलाने वाले ट्रेड करने के लिए आधिकारिक व्यक्ति नहीं हैं. सेबी ने कहा कि यह कार्रवाई निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए की गई है. साथ ही शेयर बाजार को लेकर गलत दावे करने वालों पर भी नकेल कसी जा रही है. रविंद्र भारती और उनसे जुड़े लोग एवं कंपनी निवेशकों को 1000 फीसदी तक गारंटीड रिटर्न दिलाने के फर्जी दावे कर रहे थे.
स्टॉक मार्केट में लोगों का भरोसा कायम रखना प्राथमिकता
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि हाल के दिनों में शेयर बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है. इस वजह से निवेशकों का रुझान शेयर मार्केट की तरफ पहले से ज्यादा हो गया है. सही जानकारी, दावे और पारदर्शिता के जरिए ही यह भरोसा कायम रखा जा सकता है. भारी भरकम गारंटीड रिटर्न वाले दावों के खिलाफ सेबी की कार्रवाई जारी रहेगी.