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डेढ़ करोड़ करदाताओं पर आयकर विभाग की तलवार, हो रही इनकी पहचान, क्या हुई इनसे गलती?

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करीब 1.52 करोड़ लोग आयकर विभाग के रडार पर हैं. यह वे लोग हैं जिन्हें रिटर्न फाइल करना था लेकिन इन्होंने ऐसा नहीं किया है. एक अधिकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 8.9 करोड़ करदाता थे जबकि रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 7.4 करोड़ रही. हालांकि, इसमें संशोधित रिटर्न भी शामिल है इसलिए आईटीआर न भरने वालों की संख्या और बढ़ी हुई दिख रही है. ये ऐसे लोगों हैं जिन्होंने टैक्स भरा है या फिर टीडीएस भरा है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, रिवाइज्ड रिटर्न मिलाकर कुल 1.97 करोड़ लोग ऐसे थे जिन्होंने आईटीआर फाइल नहीं किया है. नमें से 1.93 करोड़ व्यक्तिगत श्रेणी में थे, 28,000 हिंदू अविभाजित परिवार से और 1.21 लाख कंपनियां थीं जबकि शेष विभिन्न अन्य श्रेणियों में थे. फील्ड अधिकारियों को उचित डेटा और जानकारी के साथ ऐसे व्यक्तियों से संपर्क करने और उन्हें यह समझाने के लिए कहा गया है कि उन्हें अपना आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता क्यों है.

सीबीडीटी भेज रहा नोटिस
सीबीडीटी के पास डेटा है कि लगभग 8,000-9,000 संभावित करदाताओं को टैक्स नोटिस भेजा जा रहा है. यह ऐसे लोगों हैं जिनके खिलाफ विभाग के पास उच्च टिकट खरीद या उच्च नकद जमा का रिकॉर्ड है. यदि वे जानबूझकर चूककर्ता पाए जाते हैं, तो ऐसे व्यक्तियों को जुर्माना देना होगा. लेकिन जिन करदाताओं के पास अचानक हुई आय का वास्तविक कारण है, उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है या रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है.

कहां से कितना हुआ कलेक्शन
आयकर विभाग भी बड़ी मात्रा में प्राप्त आंकड़ों पर भरोसा कर रहा है, जिससे ऐसे गैर-फाइलर्स की पहचान करने और किसी भी बेमेल का पता लगाने में मदद मिली है. पिछले महीने, सीबीडीटी ने कहा कि एडवांस टैक्स कलेक्शन के कारण 17 मार्च तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 19.88 प्रतिशत बढ़कर ₹18.90 लाख करोड़ से अधिक हो गया. इसमें कहा गया है कि ₹18,90,259 करोड़ (17 मार्च तक) के नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में ₹9,14,469 करोड़ का निगम कर (सीआईटी) और ₹9,72,224 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेनदेन टैक्स (एसटीटी) व पर्सनल इनकम टैक्स शामिल है.