भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से उतार-चढाव जारी है. ब्याज दरों के लंबे समय तक ऊंची बनी रहने की आशंका और बढ़ते भू-राजनीतिक संकट की वजह से निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं. पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को शेयर बाजार कई ट्रेडिंग सेशंस की गिरावट के बाद हरे निशान में बंद हुआ है. दुनिया में फैले भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाना जारी रखा है. विदेशी निवेशकों के रुख में जरूर बदलाव आया है. जहां एफआईआई का अब सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Sector) से मोह भंग हुआ है, वहीं पावर, फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों के शेयरों में निवेश बढाया है.
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अप्रैल के पहले दो हफ्तों में पावर सेक्टर में 5,143 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह अगस्त 2023 के बाद पावर सेक्टर के शेयरों में एफआईआई द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश है. दूसरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अप्रैल के पहले दो सप्ताह में ही आईटी स्टॉक्स से 4,658 करोड़ रुपये की निकासी की है.
इन सेक्टर्स में लगाया खूब पैसा
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनालिस्ट्स का कहना है कि इस साल भीषण गर्मी का अनुमान है, जिसके चलते बिजली की मांग बढ़ सकती है. शायद इसी कारण ने निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में पावर कंपनियों के स्टॉक्स शामिल करने को प्रेरित किया है. मांग में उछाल से बिजली की रिकॉर्ड खपत होने की उम्मीद है, जिसके चलते पावर कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ में वृद्धि हो सकती है. FIIs ने वित्तीय सर्विसेज सेक्टर में भी इस महीने के पहले पखवाड़े में 3,212 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके अलावा कंज्यूमर सर्विस सेक्टर में 1,713 करोड़ रुपये और ऑटोमोटिव व टेलीकम्युनिकेशंस सेक्टर में 1,660 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
इन शेयरों से निकाला पैसा
अप्रैल, 2024 के पहले दो सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सूचना प्रौद्योगिकी और एफएमसीजी शेयरों से निकासी की है. आईटी सेक्टर के स्टॉक्स से 4,658 करोड़ रुपये 15 दिनों में एफआईआई ने निकाले हैं. इससे पहले मार्च में भी इस सेक्टर के 1,659 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे. अप्रैल के पहले 2 हफ्तों में FIIs ने कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर्स में 1,624 करोड़ रुपये, ऑयल एंड गैस सेक्टर में 923 करोड़ रुपये और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 704 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
FMCG शेयरों से भी विदेशी संस्थागत निवेशकों का मोह भंग हो गया और इस सेक्टर के 4,351 करोड़ रुपये के शेयर अप्रैल के पहले दो सप्ताह में ही बेच डाले. एनालिस्ट्स ने ग्रामीण इलाकों में धीमी ग्रोथ, सर्दियों में देरी और कड़े कॉम्पिटीशन के चलते चौथी तिमाही के सुस्त रहने का अनुमान लगाया है. एलारा कैपिटल ने इस सेक्टर के लिए सिंगल अंक में ग्रोथ की भविष्यवाणी की है.