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जनप्रतिनिधियों के निकम्मेपन के कारण एक अदद रेलवे ओवर ब्रिज के अभाव में विशाल आदिवासी आबादी है परेशान।।

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पेंड्रारोड के गोरखपुर रेलवे फाटक में नहीं बन सका है आज तक रेलवे ओवर ब्रिज।।

इंदिरा गांधी आदिवासी विश्वविद्यालय अमरकंटक की तराई के 40 गांव सहित शहडोल जबलपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर है गोरखपुर रेलवे फाटक।।

पेंड्रा। जिले के गौरेला में स्थित गोरखपुर रेलवे फाटक के बंद होने के कारण बड़ी आदिवासी आबादी को भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिलासपुर कटनी रेल लाइन पर स्थित गोरखपुर रेल रेलवे फाटक इंदिरा गांधी आदिवासी विश्वविद्यालय अमरकंटक की तराई के 40 गांव सहित अमरकंटक शहडोल एवं जबलपुर को जोड़ने वाली सड़क पर है जिसके बंद रहने पर नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

जहां एक ओर रेल विभाग दुर्घटनाओं को रोकने तथा सड़क यात्रा को निरंतर चालू रखने के दृष्टिकोण से ज्यादातर रेलवे फाटक को बंद कर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कर रहा है वहीं दूसरी और बिलासपुर कटनी रेल लाइन पर स्थित पेंड्रारोड गौरेला में स्थित गोरखपुर रेलवे फाटक मैं आज तक रेलवे ओवर ब्रिज नहीं बन सका है जिसके कारण गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले सहित अनूपपुर एवं डिंडोरी जिले की एक बड़ी आदिवासी आबादी को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। बिलासपुर कटनी रेल लाइन में इन दिनों कोयला ढोने एवं माल वाहक मालगाड़ियों की संख्या बढ़ी हुई है साथ ही यात्री ट्रेन भी काफी संख्या में गुजरते हैं जिसके कारण गौरेला का गोरखपुर रेलवे फाटक अक्सर बंद रहता है जिससे यात्रियों को भयंकर तकलीफों का सामना करना पड़ता है। पेंड्रा रोड गौरेला से गोरखपुर होते हुए झगरा खांड़ , धनौली होते हुए इंदिरा गांधी आदिवासी विश्वविद्यालय को जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क पर छात्रों की मुसीबत उसे समय बढ़ जाती है जब रेलवे फाटक बंद रहता है। गौरेला से इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय लगभग 25 किलोमीटर है ऐसे में जब 1 घंटे पूर्व भी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में परीक्षा देने एवं पढ़ने के लिए निकलते हैं और रेलवे फाटक पहुंचते ही जब फाटक बंद हो जाता है तब उनकी परेशानी देखते ही बनती है।
मजबूरी में छात्र-छात्राएं मोटरसाइकिल एवं अन्य वाहनों को उठाकर जान हथेली पर लेकर रेलवे फाटक पार करते हैं ताकि उन्हें परीक्षा से वंचित न होना पड़े ‌। ऐसा दृश्य गोरखपुर रेलवे फाटक में आए दिन देखने को मिलता है। परेशानी सिर्फ छात्रों को नहीं है इस गोरखपुर रेलवे फाटक को पार कर अमरकंटक की तराई पर स्थित लगभग 40 गांव के लोग व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य कोर्ट कचहरी जिला मुख्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही आने तथा पेंड्रा रोड में ट्रेन पकड़ने के लिए उपयोग करते हैं। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को अमरकंटक सहित डिंडोरी जिला एवं अनूपपुर जिला एवं जबलपुर से जोड़ने के लिए बनाई गई इस सड़क पर स्थित गोरखपुर रेलवे फाटक में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना अत्यंत जरूरी है परंतु जनप्रतिनिधियों के निगम में पान के कारण एक अदद रेलवे ओवर ब्रिज आज तक नहीं बन पाया।

जनप्रतिनिधियों के निकम्मेपन के कारण नहीं बन सका गोरखपुर रेलवे फाटक पर रेल्वे ओवर ब्रिज

ऐसा नहीं है गोरखपुर रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण के लिए आम जनों ने जनप्रतिनिधियों को अवगत नहीं कराया परंतु रेलवे ओवरब्रिज मामले में इस इलाके के जन्म प्रतिनिधियों ने जो केंद्र में आवाज उठा सकते थे कभी भी ध्यान नहीं दिया और हमेशा जनता की अनसुनी की जबकि आम जनमानस विभिन्न माध्यमों से समय-समय पर जनप्रतिनिधियों का ध्यान आर्टिस्ट कराती रही है इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या की अपेक्षा की।