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पीएम मोदी ने दिया साथ जुड़ने का ऑफर तो अब क्या करेंगे शरद पवार? NCP प्रमुख का आ गया जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीपी (एसपी) के नेता शरद पवार के हालिया बयान पर तंज कसते हुए उन्हें बीजेपी से हाथ मिलाने का ऑफर दिया था. वहीं अब शरद पवार ने प्रधानमंत्री के तंज का जवाब देते हुए कहा कि वह कभी भी नेहरू-गांधी विचारधारा को नहीं छोड़ेंगे और मुस्लिम विरोधी रुख अपनाने वालों से हाथ नहीं मिलाएंगे.

शरद पवार ने कहा था कि आने वाले वर्षों में छोटे क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ जा सकते हैं या विलय कर सकते हैं. इस पर पीएम मोदी ने पवार का नाम लिए बिना उनकी पार्टी को ‘नकली (नकली) एनसीपी’ कहा और कहा कि कांग्रेस के साथ विलय करके ‘4 दिनों में मर जाने’ से बेहतर होगा कि वह महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में ‘गर्व के साथ’ शामिल हो जाए.

‘सीना तानकर जुड़ जाएं’
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा, ’40-50 वर्षों से, महाराष्ट्र का एक बड़ा नेता राजनीति में है. वह इन दिनों बेतुके बयान दे रहे हैं. बारामती चुनाव के बाद वह हताश और निराश हैं. कई लोगों से चर्चा के बाद उन्होंने एक बयान दिया. उन्होंने कहा है कि अगर छोटे क्षेत्रीय दलों को राजनीति में जीवित रहना है तो उन्हें कांग्रेस में विलय करना होगा.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘इसका मतलब है कि नकली एनसीपी और नकली शिवसेना ने कांग्रेस के साथ विलय करने का मन बना लिया है.’ उन्होंने शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पार्टी का जिक्र किया, जो विपक्षी इंडिया गुट का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘4 दिन बाद कांग्रेस में जाकर मरने की बजाय, सीना तान करके हमारे अजितदादा और शिंदेजी के साथ आओ, आपके सभी सपने पूरे हो जाएंगे.’

शरद पवार ने पीएम मोदी पर किया प्रहार
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम मोदी के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण खतरे में है और वह उन लोगों से हाथ नहीं मिलायेंगे जो इसमें विश्वास नहीं करते हैं.

शरद पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट राय है कि संसदीय लोकतंत्र प्रधानमंत्री मोदी के कारण खतरे में है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया. यह (उनकी गिरफ्तारियां) केंद्र सरकार और केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका के बगैर संभव नहीं था. यह दर्शाता है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रणाली में कितना विश्वास है.’

शरद पवार ने कहा कि वह ऐसे किसी व्यक्ति, पार्टी या विचारधारा से हाथ नहीं मिला सकते जो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है. उन्होंने कि देश में एकता बनाये रखने के लिए सभी धर्मों को साथ लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के हाल के भाषण विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने लायक हैं जो देश के लिए खतरनाक है. जहां भी चीजें देश के हित में नहीं होगी, वहां न मैं और न ही मेरे सहयोगी कदम रखेंगे.’

शरद पवार ने दावा किया कि जनमत धीरे-धीरे मोदी की विचारधारा के खिलाफ बदलने लगा है, यही कारण है कि वह बदहवास नजर आते हैं और उनके बयानों में व्याकुलता दिखती है.