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सस्ता सिलेंडर और पेट्रोल की कीमतों में कमी बने आर्थिक सर्वे के हीरो, अच्छे फ्यूचर के संकेत

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान वित्त वर्ष के फाइनल बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 लोकसभा में पेश किया. आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है. कल, मंगलवार को वित्त मंत्री द्वारा सदन के पटल पर बजट रखा जाएगा. इस बार कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आज रखे गए आर्थिक सर्वे के मुताबिक 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2% बढ़ी है, जिसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और लोगों की आमदनी बढ़ने की संभावना है.

मुद्रास्फीति के मोर्चे की बात करें तो महंगाई दर 5.4% तक घट गई है, जिससे रोजमर्रा की चीजों की कीमतें स्थिर रह सकती हैं. सरकार ने बड़े निवेश किए हैं, फिर भी आर्थिक संतुलन बनाए रखा है, जो एक अच्छी बात है और राजकोषीय घाटा एक सीमा में रहने की उम्मीद है. चलिए इस आर्थिक सर्वे की अन्य मुख्य बातों को विस्तार से बताते हैं-

अर्थव्यवस्था की स्थिति
2023-24 में, भारत ने बाहरी चुनौतियों के बावजूद अपनी आर्थिक वृद्धि को बनाए रखा. वित्त वर्ष 2024 में भारत की वास्तविक जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ी. यह वृद्धि वित्त वर्ष की चार में से तीन तिमाहियों में 8 प्रतिशत से अधिक रही. सरकार के पूंजीगत व्यय पर जोर और निजी निवेश में निरंतर गति ने पूंजी निर्माण वृद्धि को बढ़ावा दिया. मुद्रास्फीति दबावों को प्रशासनिक और मौद्रिक नीति प्रतिक्रियाओं द्वारा कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई.

मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता
वित्त वर्ष 24 में भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों ने शानदार प्रदर्शन किया. बैंक ऋण में दोहरे अंकों की वृद्धि हुई और बैंक आस्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ. प्राथमिक पूंजी बाजारों ने ₹10.9 लाख करोड़ के पूंजी निर्माण की सुविधा प्रदान की. भारतीय शेयर बाजार के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि हुई, जिसमें जीडीपी में बाजार पूंजीकरण का अनुपात विश्व में पांचवां सबसे बड़ा हो गया.

कीमतें और मुद्रास्फीति
वित्त वर्ष 2024 में मुद्रास्फीति में नरमी आई. केंद्र सरकार के समय पर नीतिगत हस्तक्षेप और भारतीय रिजर्व बैंक के मूल्य स्थिरता उपायों ने खुदरा मुद्रास्फीति को 5.4 प्रतिशत पर बनाए रखने में मदद की. अगस्त 2023 में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में ₹200 प्रति सिलेंडर की कमी की गई. मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई. इससे एलपीजी और वाहनों में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल और डीजल की खुदरा मुद्रास्फीति कम हुई.

बाहरी क्षेत्र की मजबूती
भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत बना रहा. वित्त वर्ष 24 में भारत का सेवा निर्यात 4.9 प्रतिशत बढ़कर 341.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. मार्च 2024 के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वित्त वर्ष 25 के लिए इसके 10 महीने से अधिक के अनुमानित आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त था.

मध्यम अवधि परिदृश्य
मध्यम-अवधि में सरकार का ध्यान निजी निवेश को बढ़ावा देने पर है. एमएसएमई की वृद्धि और विस्तार को प्राथमिकता दी जा रही है. कृषि की क्षमता को पहचाना जा रहा है और नीतिगत बाधाओं को दूर किया जा रहा है. हरित परिवर्तन के वित्तपोषण को सुरक्षित करने की आवश्यकता है. शिक्षा-रोजगार के अंतर को पाटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण
भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिशन-मोड दृष्टिकोण अपनाया है. नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि और ऊर्जा दक्षता में सुधार के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रगति की गई है. 31 मई 2024 तक, स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 45.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है.