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थमी विकास की रफ्तार….जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 15 महीने के निचले स्तर पर

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी कर दिए हैं. जून तिमाही में भारत की विकास दर 6.7 फीसदी रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.8 फीसदी थी. यह पिछली 5 तिमाहियों में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ है. तिमाही आधार पर जीडीपी वृद्धि की न्यूनतम दर जनवरी-मार्च, 2023 में 6.2 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 24 की जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में 8.2 फीसदी का इजाफा हुआ था.

आरबीआई ने इस तिमाही के लिए विकास दर के 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था. हालांकि, अर्थशास्त्री पहली तिमाही में ग्रोथ रेट दीमी होने का अनुमान जता रहे थे. उनका मानना था कि सरकार की ओर से खर्च कम होने का असर ग्रोथ रेट पर दिख सकता है. मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटी है.

हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बना हुआ है. गौरतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2 प्रतिशत रही. बीते वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में यह आंकड़ा 3.7 प्रतिशत था. दूसरी ओर विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि सालाना आधार पर पांच प्रतिशत से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सात प्रतिशत हो गई.

सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च घटा है. सरकार द्वारा जून तिमाही में कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट में इसके लिए निर्धारित रकम का केवल 16.3 फीसदी है. जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 27.8 फीसदी रहा था.

विभिन्न सेक्टर्स के आंकड़े
विभिन्न महत्वपूर्ण सेक्टर्स के वार्षिक आधार पर तुलनात्मक डाटा नीचे दिया गया है.

माइनिंग सेक्टर- 7 से बढ़कर 7.2 फीसदी.
मैन्युफैक्चरिंग- 5 से बढ़कर 7 फीसदी.
कन्स्ट्रक्शन- 8.6 से बढ़कर 10.5 फीसदी.
पब्लिक एडमिन एंड सर्विस- 8.2 से बढ़कर 9.5 फीसदी.
ट्रेड, होटल्स- 9.7 से घटकर 5.7 फीसदी.
इलेक्ट्रिसिटी- 3.2 फीसदी से बढ़कर 10.4 फीसदी.
फाइनेंस एंड रियल एस्टेट- 12.6 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी.