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कृषि विज्ञान केंद्र ने भगवान बलराम जयंती के अवसर पर किसान दिवस कार्यक्रम मनाया गया….15 कृषकों को उत्कृष्ट कृषक सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया….

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(छत्तीसगढ़ )बिलासपुर / इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञानं केंद्र बिलासपुर , कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में कृषि के देवता माने जाने वाले भगवान श्री बलराम जी की जयंती 9 सितम्बर, 2024 को भगवान श्री बलराम जयंती-किसान दिवस के रूप में कृषि विज्ञानं केंद्र बिलासपुर में मनाया गया है। कृषि विज्ञानं केंद्र के वरिष्ठ वज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में बलराम जयंती मनाई गई । कृषकों के स्वागत के साथ डॉ त्रिपाठी ने प्राकृतिक खेती की जानकारी के जानकारी देते हुए भगवन बलराम जयंती की महत्ता तथा जयंती के उद्देश्य के बारे मई किसानों को अवगन कराया ।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र मिश्र ने कृषकों को बलराम जयंती के बधाई दी साथ ही कृषकों को जैविक खेती की जानकारी दी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ आर.के.एस .तिवारी अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय बिलासपुर ने कृषकों को यूरिया के खाद के स्थान पर हर्री खाद के उपयोग के साथ कृषकों को अपने खेतों के कम हिस्से से प्राकृतिक खेती करने के लिए आह्वान किया । प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण के लिए कृषकों को कृषि विज्ञानं केंद्र बिलासपुर एवं महाविद्यालय से संपर्क करने को कहा । कार्यक्रम में जिले के 15 कृषकों को उत्कृष्ट कृषक सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया ।

प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला में जदुनंदन वर्मा कृषक ग्राम मल्हार , शीतल साहू कृषक ग्राम उर्तुम , हजारीलाल पटेल कृषक ग्राम कोंचारा ने कृषकों को अपने प्राकृतिक खेती के अनुभव बताये । प्राकृतिक खेती के लिए कृषकों को प्राकृतिक खेती घटक बेसन ,गुड प्रदान किया गया है । कर्यक्रम में 80 कृषकों ने भाग लिया । प्रयेक कृषकों को एक पेड़ माँ के नाम के तहत 80 पौधे वितरीत किये गए ।कृषि महाविद्यालय, रायपुर के कृषि मण्डपम में दोपहर 12ः00 बजे आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री श विष्णुदेव साय ने की जिसका सीधा प्रसारण कृषि विज्ञानं केंद्र बिलासपुर द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने व्याख्यान दिया । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बृजमोहन अग्रवाल, सांसद, रायपुर, , धरसींवा, मोतीलाल साहू, विधायक, रायपुर ग्रामीण, डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं सुरेश चन्द्रवंशी, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रान्त उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति में आदिकाल से ही कृषि में गौ उत्पादों जैसे गोबर और गौमूत्र का प्रयोग होता रहा है। गौ आधारित खेती रसायन एवं कीटनाशक मुक्त कृषि की वह पद्धति है जिसमें परम्परागत तरीके से प्रकृति के नियमों का अनुसरण करते हुए देशी गाय आधारित खेती के सिद्धांत को अपनाकर खेती की जाती है। प्राकृतिक खेती से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और खेती की लागत कम हो जाती है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ शिल्पा कौशिक ने किया एवं प्राकृतिक खेती के घाटों के बारे में किस्सनों से चर्चा की । कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ अमित कुमार शुक्ला ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्र के वैज्ञानिकों हेमकांति बंजारे, जयंत साहू, डॉ. एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक, डॉ. चंचला रानी पटेल, सुशीला ओहदार एवं डॉ. स्वाति शर्मा का योगदान रहा.