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ट्रेन के गार्ड-ड्राइवर की अब 4 नहीं 8 होंगी ‘आंखें’, नहीं बच पाएंगे लाखों लोगों की जान से खेलने वाले

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देश में रेल की पटरियों पर असमाजिक तत्वों द्वारा रखे जा रहे पत्थर, विस्फोटक और सिलेंडर रखे जाने के मामलों को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक इस समस्या निपटने के लिए कुछ फैसले लिये गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में सूचना दी. उन्होंने बताया कि ट्रेन के इंजन और कोच में कैमरे लगाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि इंजन के सामने और साइड में भी कैमरे लगाए जाएंगे. कोच के साइड और गार्ड कोच में भी कैमरे लगेंगे. एक ट्रेन में कुल 8 कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे के जरिए ट्रैक और ट्रैक के चारों तरफ नजर रखी जाएगी. तीन महीने में ये कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे और 1 साल में पूरी तरह से लागू हो जाएगा. इस परियोजना में कुल 1200 करोड़ की लागत आने का अनुमान है. रेलवे ट्रैक पर सामान /सिलिंडर रखे जाने को लेकर रेल मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी से भी बात की है और इसे जल्द कंट्रोल करने को कहा है. इसके अलावा भी रेलवे ऐसी घटनाओं के रोकने के लिए कदम उठा रहा है.

फेंसिंग
रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ फेंसिंग का काम तेजी से चल रहा है. अप्रैल से अगस्त तक 2600 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी है. कुल मिलाकर अब तक 4600 किलोमीटर की फेंसिंग हो चुकी है. लेकिन अभी ये फेंसिंग उन रूट पर हो रही है जहां ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे ज्यादा में चलती हो. रेलवे का कहना है कि 74000 km के ट्रैक को किलाबंद करना अभी मुमकिन नही दिखता.

5 महीने में 25 घटनाएं
आपको बता दें कि पिछले 5 महीन में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें या तो ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास हुआ है या फिर उस पर पथराव किया गया है. यह मामला इतना बढ़ चुका है कि अब इसकी जांच के लिए एनएआईए और एटीएस जैसी एजेंसियां भी मैदान में उतर गई हैं.