Home क्राइम मनी लॉन्ड्रिंग ने बढ़ाई तमन्ना भाटिया की मुश्किलें…..कैसे होती पैसों की हेराफेरी

मनी लॉन्ड्रिंग ने बढ़ाई तमन्ना भाटिया की मुश्किलें…..कैसे होती पैसों की हेराफेरी

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बॉलीवुड एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में फंस गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुवाहाटी में ‘HPZ टोकन’ मोबाइल ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच को लेकर पूछताछ की, जिसमें बिटकॉइन और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बहाने कई निवेशकों को कथित तौर पर धोखा दिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी दी. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि भाटिया का बयान यहां एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया. सूत्रों ने बताया कि भाटिया को ऐप कंपनी के एक कार्यक्रम में ‘‘सेलिब्रिटी के रूप में शामिल होने’’ के लिए कुछ धनराशि मिली थी और उनपर मामले में उनकी संलिप्तता होने का कोई आरोप नहीं है.

क्या है मामला

‘APZ टोकन’ मोबाइल ऐप से जुड़े इस ठगी के मामले में मार्च में ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में कुल 299 इकाइयों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें 76 चीन नियंत्रित यूनिट्स हैं, जिनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं जबकि दो इकाइयां अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित हैं. इन लोगों को इस साल मार्च में दाखिल ईडी के आरोपपत्र में नामजद आरोपी बनाया गया है. इस केस में विभिन्न आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन आरोपियों पर बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के रूप में अत्यधिक रिटर्न दिलाने का वादा करके भोले-भाले निवेशकों से ठगी करने का आरोप है.

क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग

मनी लॉन्ड्रिंग, ऐसी धोखाधड़ी है जिसमें अपराधी अपनी सम्पत्ति के अवैध स्रोत को छुपाते हैं. ‘HPZ टोकन’ मोबाइल फोन एप्लीकेशन केस में भी ऐसा ही किया गया. जांच एजेंसी ने कहा कि अपराध से हासिल धन को छिपाने के उद्देश्य से फर्जी निदेशकों वाली विभिन्न फर्जी कंपनियों द्वारा बैंक खाते और मर्चेंट आईडी खोले गए थे. इसने दावा किया कि ये धन अवैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी तथा बिटकॉइन बनाने के लिए निवेश के वास्ते ‘‘धोखाधड़ी’’ कर प्राप्त किए गए थे.

ईडी ने कहा कि 57,000 रुपये के निवेश पर तीन महीने तक प्रतिदिन 4,000 रुपये का रिटर्न देने का वादा किया गया था, लेकिन केवल एक बार ही पैसे का भुगतान किया गया. ईडी ने कहा कि इस मामले में देश भर में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और बैंक में जमा राशि जब्त की गई.