गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 26 अक्टूबर 2024/ सहायक आयुक्त जिलआदिवासी विकास डॉ ललित का स्थानांतरण जी पी एम जिले से सरगुजा होने पर जिले के विशेष संरक्षित जनजाति बैगा समुदाय उन्हें विदाई दी। विदाई कार्यक्रम में बैगा समुदाय ने डॉ शुक्ला को बड़े आत्मीय भाव से सीता फल से भरी टोकरी भेट की तथा वन अधिकार कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए धन्यवाद देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की।
उल्लेखनीय है कि डॉ शुक्ला ने जिले में बैगा पर्यावास अधिकार, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार और पीएम जनमन के अंतर्गत बैगा ग्रामों में वन अधिकार के 100 प्रतिशत सैचुरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें पंडरीपानी और बेलगहना जैसे ग्राम शामिल हैं जहां वन अधिकार का पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभ दिया जा चुका है। डॉ शुक्ला के नेतृत्व में, बैगा समुदाय के लोगों ने पर्यावास अधिकार प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की, जो भारत का तीसरा एवं छत्तीसगढ़ का दूसरा पर्यावास अधिकार है जिससे उनके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया। उनके प्रयासों से बैगा परिवारों की तस्वीर और तकदीर बदल गई वन अधिकार अंतर्गत पोस्ट क्लेम में भी उनकी लगातार मदद की गई जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हों सके । वन अधिकार पत्रों के डिजिटलाइजेशन में भी जिला राज्य के अग्रणी जिलों में शामिल है साथ ही जिला में वन अधिकार पत्र धारक हितग्राहियों के धान पंजीयन के शत प्रतिशत लाभ हेतु भी प्रयासरत रहा है।
जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग डॉ शुक्ला की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना करते हुए बैगा समुदाय ने उनके कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। यह सम्मान न केवल डॉ शुक्ला के लिए बल्कि आदिवासी विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भी एक मान्यता है। विदाई समारोह में बैगा ग्रामों से समरथ बैगा के नेतृत्व में प्रेम बैगा, जगत बैगा चुकतीपानी, बेंदरापानी से समरू बैगा, डोकरगढ़ी से प्रताप बैगा और नव निर्माण चेतना मंच संस्था से रीना रामटेके, चन्द्र प्रताप सिंह और जिला वन अधिकार समन्वयक सृजन साहू एवं सौरभ दुबे उपस्थित थे।