प्रॉपर्टी खरीदना और बेचना आजकल सबसे पसंदीदा बिजनेस हो गया है. इसमें जितना ज्यादा मुनाफा होता है, उतना ही धोखाधड़ी का जोखिम भी. लेकिन, बदलते जमाने में अगर आप तकनीक की मदद लेकर इस काम को ज्यादा पारदर्शी और आसान तरीके से अंजाम दे सकते हैं. पहले जहां संपत्ति खरीदने से पहले किसी क्षेत्र विशेष और फिर उस क्षेत्र को समझ लेने के बाद वहां मौजूद संपत्तियों को देखने-परखने के लिए चक्कर लगाने पड़ते थे. अब खरीदारों को घर बैठे ही परियोजनाओं का डिजिटल टूर करवाया जाने लगा है. ग्राहक परियोजना का सैंपल फ्लैट भी शो रील के जरिये घर बैठे ही देख सकते थे.
लिहाजा आप भी अगर तकनीक की मदद से प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो यूट्यूब चैनलों के साथ ही वेबसाइटों की भी मदद ली जा सकती है. इन माध्यमों से घर बैठे ही परियोजना, संपत्ति और क्षेत्र विशेष की विशेषताओं की जानकारियां मिल जाती हैं. प्रॉपर्टी मामलों के जानकार प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि कैसे आज के जमाने में तकनीक आपके लिए प्रॉपर्टी खरीदने में मददगार साबित हो सकती है.
सोशल मीडिया से जानें इतिहास
अगर आप किसी बिल्डर या डेवलपर के किसी प्रोजेक्ट में निवेश की इच्छा रखते हैं तो उसकी पृष्ठभूमि का जानना सबसे अधिक जरूरी है. अब यह तमाम जानकारियां कम्प्यूटर पर एक क्लिक की दूरी पर हैं. इंटरनेट के किसी भी सर्च इंजन में जाकर आप बिल्डर या डेवलपर विशेष का नाम डालें, उससे जुड़ी तमाम जानकारियां आपके सामने होंगीं. इसके अलावा अनेक असंतुष्ट ग्राहकों ने बिल्डर की तरफ से की गई धोखा-धड़ी को दूसरे लोगों और अन्य संभावित ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है. लोकल अथॉरिटीज के अलावा राज्य या फिर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय या फिर अन्य संबंधित मंचों तक गलत काम करने वाले बिल्डरों की शिकायत के लिए एक बड़े वर्ग ने जहां ट्विटर जैसी माइक्रो ब्लॉग साइटों के अलावा फेसबुक जैसी सोशल साइट का सहारा लिया तो वहीं कई लोगों ने बिल्डर की खराब कंस्ट्रक्शन क्वालिटी की शॉर्ट वीडियोज इंस्टाग्राम जैसी साइटों पर साझा की हैं.
यू ट्यूब चैनल हो रहे मददगार
ऐसे अनेक यू ट्यूब चैनल्स मौजूद हैं जिनसे न सिर्फ बिल्डर्स के बारे में बल्कि संपत्ति की खरीद और बिक्री के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारियां हासिल की जा सकती हैं. ऐसे कई चैनल्स विभिन्न शहरों के विकास प्राधिकरणों की तरफ से प्रस्तुत की जाने वाली परियोजनाओं की जानकारियां भी देती हैं. साथ ही अच्छा और अनधिकृत काम करने वाले बिल्डर्स के बारे में भी आवश्यक दस्तावेजों के साथ यह यूट्यूबर्स अक्सर वीडियो साझा करते रहते हैं.
वेबसाइटें भी बनी सहायक
मौजूदा समय में ऐसी अनेक वेबसाइट्स हैं जो न सिर्फ बिक्री बल्कि किराये के लिए उपलब्ध संपत्तियों की जानकारियां मुहैया करवाती हैं. फर्ज कीजिये कि आप किसी शहर में काम करते हैं और वहां से आपका स्थानांतरण किसी अन्य शहर में हो जाये तो उस स्थिति में ऐसी वेबसाइट्स आपके लिए सहायक सिद्ध होंगी. इसी तरह बिल्डरों की अपनी निजी वेबसाइट्स हैं जो उनकी चल रही और पूर्व में बनाई गई परियोजनाओं के बारे में सूचनाएं देती हैं. यह बात तो आप जानते ही होंगे कोई भी नई परियोजना लांच करने से पहले किसी भी बिल्डर के लिए उसका रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होता है.