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ये तीन हथियार बनेंगे तीसरे वर्ल्ड वार की वजह, जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को दिया ऐसा सिरदर्द कि…

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक भू-राजनीति पर असर पड़ने की संभावना है. ट्रंप की जीत की वजह से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में रूस-यूक्रेन जंग को थामने में मदद मिलेगी क्योंकि निर्वाचित रिपब्लिकन प्रेसिडेंट यूक्रेन को अमेरिका की ओर से दी जा रही सहायता के खिलाफ है. साथ ही उनकी टीम जंग रूकवाने के लिए रूसी नेतृत्व के भी संपर्क में है. लेकिन, इस बीच बड़ा खेल हो गया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को रूस पर घातक हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. उसने बीती रात ही यूक्रेन को रूस के भीतर तक वार करने वाली एक घातक मिसाइल के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी.

इससे पहले बाइनड प्रशासन हिमार्स, अब्राम्स टैंक और एफ16 मिसाइलें जैसे घातक हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है. इन हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी का एक ही मतलब है कि अब रूस-यूक्रेन जंग और तेज होगा. ये सभी बेहद घातक हथियार हैं. एफ-16 बेहद आधुनिक लड़ाकू विमान है. यहां एक सवाल यह भी उठ रहा है कि यूक्रेन शुरू से बाइडन प्रशासन से इन हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी मांगता रहा है लेकिन, जब मंजूरी दी गई तब तक काफी देर हो चुकी थी. अब अमेरिकी आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) को मिली मंजूरी के समय पर भी सवाल उठ रहे हैं. आखिर बाइडन प्रशासन ने क्यों इस वक्त इसकी मंजूरी दी.

यूक्रेन को कितना फायदा
सबसे बड़ी बात यह है कि यूक्रेन को इस ATACMS मिसाइल सिस्टम की सप्लाई सीमित है. साथ ही इससे सबसे अधिक रेंज केवल 100 किमी है. ऐसे में इससे रातों-रात जंग में कुछ खास बदलाव होने वाला नहीं है. इसके बजाय यूक्रेन अपने यहां निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल करेगा. वे सस्ते भी है. इन्हीं ड्रोन की जरिए यूक्रेन में मास्को के आसमान में कोहराम मचाया था. इस बीच रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला बोला है. उसने उत्तरी यूक्रेन के सूमी शहर में एक नौ मंजिला इमारत पर बमबारी की. इसमें आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह बीते कुछ महीनों में सबसे बड़ा रूसी हमला है.

जानकार हैरान
उधर, अमेरिकी मिसाइल को मिली मंजूरी से जानकार भी हैरान हैं. उनका कहना है इस मंजूरी से इस जंग में और आग लगेगी. इससे रूस और तिलमिलाएगा और तीसरे विश्व युद्ध की ओर मामला बढ़ सकता है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि पश्चिमी देश आग से खेल रहे हैं. जानकारों का यह भी कहना है कि रूस के उत्तरी कोरिया के सैनिकों के आने की वजह से अमेरिका ने इस मिसाइल के इस्तेमाल की मंजूरी दी है.

बाइडन प्रशासन के इस फैसले के बारे में खुलासा करने वाले न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार का भी कहना है कि इन मिसाइलों का इस्तेमाल संभवतः रूसी और उत्तर कोरियाई सैनिकों के खिलाफ किया जा सकता है.