भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं पर चर्चा की. उन्होंने संकेत दिए कि फरवरी 2025 में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर विचार किया जा सकता है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़ रही है और महंगाई दर नियंत्रित होती दिख रही है.
संजय मल्होत्रा ने बताया कि हाल के महीनों में खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है. अक्टूबर 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 4.6% रही, जो कि आरबीआई के लक्ष्य के भीतर है. उन्होंने कहा कि यदि यह स्थिरता बनी रहती है, तो केंद्रीय बैंक दरों में कटौती पर विचार कर सकता है.
विकास दर और रोजगार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दरों में कटौती होती है, तो इससे कर्ज सस्ता होगा, जिससे उपभोग और निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है. यह कदम विकास दर को प्रोत्साहित करने और रोजगार सृजन में मदद कर सकता है. हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू बाजार के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
2025 के बजट से उम्मीदें
मल्होत्रा ने फरवरी 2025 में पेश होने वाले केंद्रीय बजट की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा कि बजट में आने वाले प्रोत्साहन उपाय भी मौद्रिक नीति के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं.