Home देश कब-कब हुआ टैक्स स्लैब में बदलाव, पहली बार किसने दी मिडिल क्लास...

कब-कब हुआ टैक्स स्लैब में बदलाव, पहली बार किसने दी मिडिल क्लास को राहत

0

आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन के पटल पर साल 2025 का बजट रखेंगी. इस बजट से टैक्सपेयर्स में टैक्स में छूट की बड़ी उम्मीद है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आज टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया जाएगा. ऐसा होता है या नहीं यह तो कुछ देर में सामने आ ही जाएगा लेकिन उससे पहले हम आपको यह बता दें कि आजाद भारत के इतिहास में कितनी बार टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया.

सबसे पहली बार 1949-50 में जॉन मथाई के वित्त मंत्री कार्यकाल में टैक्स स्लैब को घटाया गया था. तब 10,000 रुपये की सालाना आय पर 1 आना टैक्स लगता था. उन्होंने इसमें एक चौथाई कटौती कर दी थी. इसके बाद 10,000 से अधिक की आय वाले दूसरे स्लैब पर टैक्स को 2 आना से घटाकर 1.9 आना कर दिया गया था.

1974-75 – वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा 97.75% से घटाकर 75% कर दी. 6,000 रुपये सालाना कमाने वालों को छूट मिली. सभी कैटेगरी के लिए सरचार्ज की सीमा घटाकर 10% कर दी गई.

1985-86: वी.पी. सिंह ने टैक्स स्लैब्स की संख्या 8 से घटाकर 4 कर दी. 1 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 50% टैक्स लागू किया. अधिकतम मार्जिनल टैक्स रेट 61.875% से घटाकर 50% कर दिया गया.

1992-93: मनमोहन सिंह ने टैक्स स्लैब को तीन हिस्सों में बांटा. 30-50 हजार पर 20%, 50 हजार-1 लाख पर 30% और 1 लाख से ऊपर 40% टैक्स तय हुआ. वर्तमान टैक्स ढांचे की नींव इसी बजट में रखी गई.

1994-95: पहले स्लैब को 35-60 हजार की आय के लिए 20% पर रखा गया. 60 हजार-1.2 लाख पर 30% और 1.2 लाख से ऊपर 40% टैक्स तय हुआ. टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, बस स्लैब में सुधार किया गया.

1974-75 – वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा 97.75% से घटाकर 75% कर दी. 6,000 रुपये सालाना कमाने वालों को छूट मिली. सभी कैटेगरी के लिए सरचार्ज की सीमा घटाकर 10% कर दी गई.

1985-86: वी.पी. सिंह ने टैक्स स्लैब्स की संख्या 8 से घटाकर 4 कर दी. 1 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 50% टैक्स लागू किया. अधिकतम मार्जिनल टैक्स रेट 61.875% से घटाकर 50% कर दिया गया.

1992-93: मनमोहन सिंह ने टैक्स स्लैब को तीन हिस्सों में बांटा. 30-50 हजार पर 20%, 50 हजार-1 लाख पर 30% और 1 लाख से ऊपर 40% टैक्स तय हुआ. वर्तमान टैक्स ढांचे की नींव इसी बजट में रखी गई.

1994-95: पहले स्लैब को 35-60 हजार की आय के लिए 20% पर रखा गया. 60 हजार-1.2 लाख पर 30% और 1.2 लाख से ऊपर 40% टैक्स तय हुआ. टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, बस स्लैब में सुधार किया गया.