

दिल्ली की हेल्थ सिस्टम का अब धीरे-धीरे पोल खुलने लगा है. दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता हेल्थ व्यवस्था को लेकर सोमवार को विधानसभा में जमकर बरसीं. रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पर बोलती हुई कही, ‘दिल्ली की स्वास्थ्य, दिल्ली सरकार का पूरा स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली सरकार के अस्पताल बीमार हैं. दिल्ली के अस्पतालों को पहले इलाज की जरूरत है.’आप-दा’ सरकार ने दिल्ली के स्वास्थ्य के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार किया है. अब इनके काले कारनामे उजागर हो रहे हैं.अस्पतालों की हालत ऐसी है कि मरीज नकली थे, दवाइयां भी नकली थी औऱ टेस्ट भी नकली थे, लेकिन,एक चीज भुगतान असली थी. केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया.’
रेखा गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी में चाहे जितनी भी कमियां हों, एक अच्छी बात यह है कि आम आदमी पार्टी के नेता अंत में अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं. दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने गलतियां की हैं. आज केजरीवाल ने आतिशी को फंसा दिया है और वह कहां गायब हो गए हैं, किसी को पता नहीं. इसलिए मुझे आतिशी की चिंता है कि केजरीवाल अपने घर में महिलाओं को बुलाकर उनसे भी मारपीट करवाता है.’
रेखा गुप्ता ने दिल्ली के हेल्थ मॉडल की पोली खोल
बता दें कि दिल्ली की बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सोमवार को सदन में जोरदार हंगामा भी हुआ.सीएम रेखा गुप्ता के भाषण में बाधा डालने पर आम आदमी पार्टी के विधायक जनरल सिंह को सदन से मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया.आप विधायक और सत्ता पक्ष में कैग रिपोर्ट को लेकर खूब नोकझोंक हुई. तीन दिन के बाद आप के 21 विधायक भी सोमवार को सदन में आए. लेकिन, रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के एक के बाद एक खुलासे कर केजरीवाल सरकार को बैकफुट पर ला दिया.
अब क्या करेगी आप?
बता दें कि दिल्ली सरकार ने अपना पहला बजट पेश करने से पहले हेल्थ सहित कई विभागों को लेकर जनता से सुझाव मांगे हैं. इस बार के बजट में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता कुछ कड़े फैसले ले सकती हैं. इसके तहत उन डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है, जो सालों से एक ही जगह और एक ही प्रशासनिक पदों पर बैठे हैं. एलएनजेपी सहित दिल्ली के कई अस्पतालों में भ्रष्टाचार के कई अहम खुलासे के बाद ये एक्शन लिया जा सकता है. बता दें कि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने 24 से 26 मार्च के बीच बजट प्रस्तुत करने की घोषणा की है. इस बार में जनता से सुझाव मांगे हैं. सीएम रेखा गुप्ता ने सभी विधायकों और मंत्रियों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता से सुझाव लेने को निर्देश दिया है.
दिल्ली के एक दर्जन से अधिक सरकारी अस्पतालों का ये हाल है कि एक मेडिकल सुपरिटेंडेंट यानी चिकित्सा अधीक्षक दिल्ली के कई अस्पतालों के चार्ज में है. जबकि, सीवीसी की गाइडलाइन कहती है कि कोई व्यक्ति तीन साल से ज्यादा प्रशासनिक पदों पर नहीं रह सकता है. लेकिन, दिल्ली के एलएनजेपी सहित कई अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर तकरीबन पांच साल से एक ही प्रशासनिक पद पर बैठे हुए हैं. खास बात यह है कि इन अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और चिकित्सा अधीक्षकों के पास तीन से चार अस्पतालों का चार्ज है.