

बिहार में इस साल सितंबर-अक्टूबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हाइपर एक्टिव हो गया है. इससे पहले बीते साल पहले हरियाणा और फिर महाराष्ट्र में संघ हाइपर एक्टिव था और उसी कारण दोनों राज्यों में भाजपा को शानदार जीत मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक संघ पटना से दो हजार से अधिक किमी दूर एक अहम बैठक करने जा रहा है. इस बैठक में बिहार और फिर अगले साले होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की रणनीतियों को लेकर चर्चा की जाएगी.
बेंगलुरू में संघ की 21 से 23 तक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है. इसमें 1500 से 1600 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. भाजपा सहित संघ के सभी सहयोगी संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में संघ 1 वर्ष के कामकाज की रूपरेखा तय करता है. यह संघ की स्थापना का 100 वर्ष है. ऐसे में इस बैठक में मुख्य रूप से संघ अगले वर्ष के कार्यक्रमों के बारे में विचार करेगा. विजयादशमी 2025 से विजयदशमी 2026 तक संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा. इस दौरान संघ के किस तरीके से कार्यक्रमों को आयोजित करना है. इस संबंध में भी यहां पर चर्चा होगी.
संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा में 45 प्रांत के साथ-साथ सभी क्षेत्र के क्षेत्र प्रमुख, प्रांत प्रमुख मौजूद रहते हैं. इसके अतिरिक्त संघ के सभी 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे. इसमें विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्र सेविका समिति, जैसे सभी संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. प्रतिवर्ष से बैठक मार्च में होती है और हर 3 साल बाद यह बैठक चुनावी वर्ष के रूप में मानी जाती है, जो कि हर तीसरे वर्ष नागपुर में बैठक संपन्न होती है. पिछले वर्ष यह बैठक नागपुर में हुई थी और इस वर्ष यह बैठक बेंगलुरू में हो रही है.