

ग्लॉकोमा के लक्षण, पहचान एवं उपचार के बारे में विशेषज्ञों ने दी जानकारी
गौरेला पेंड्रा मरवाही, 10 मार्च 2025/ दृष्टिहीनता के प्रमुख कारणों में से एक है ग्लॉकोमा, जिसे काला मोतिया भी कहा जाता है। ग्लॉकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसकी जांच एवं उपचार कराने के लिए हर साल मार्च के दूसरे सप्ताह में ग्लॉकोमा सप्ताह मनाया जाता है। जिले में 9 से 15 मार्च तक आयोजित ग्लॉकोमा सप्ताह के दौरान आज जिला चिकित्सालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में ग्लॉकोमा क्या है, इसके लक्षण, पहचान एवं उपचार के बारे में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. रागिनी मरावी ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति साल में एक बार नेत्र परीक्षण अवश्य कराएं। नेत्र परीक्षण की सुविधा जिला चिकित्सालय, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है।
संगोष्ठी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामेश्वर शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. देवेन्द्र पैकरा एवं अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल डॉ. हेमन्त कुमार तंवर ने भी ग्लॉकोमा के बचाव के बारे में जानकारी दी। संगोष्ठी में ग्लॉकोमा के लक्षण जैसे धुंधली दृष्टि, रोशनी के आसपास प्रभा मंडल (प्रकाशी घेरा), आंखों में तेज दर्द, अपने साइड की वस्तुएं सही तरीके से न दिखाई देना आदि लक्षण होने पर आंखों की जांच और उपचार कराने सलाह दी गई। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक विभा टोप्पो, ब्लड बैंक अधिकारी, सभी नेत्र सहायक अधिकारी, स्वास्थ्य अमला सहित मरीज एवं उनके परीजन उपस्थित थे।