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मुसीबत में अपने ही आते हैं काम, साबित कर दिया इन लोगों ने, वरना बाजार का क्या होता ईश्वर ही जाने

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बाजार गिर रहा है और इसमें सबसे बड़ा योगदान विदेशी निवेशकों का है. बाजार से फॉरेन इन्वेस्टर जमकर पैसा निकाल रहे हैं जिसका नतीजा यह है कि सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से 10,000 पॉइंट नीचे आ चुका है. लेकिन इस भयानक बिकवाली के बीच भी अपने लोग बाजार का साथ नहीं छोड़ रहे हैं. विशेषकर छोटे और मझले निवेशक जो बाजार में एसआईपी के रास्ते हैं. बाजार के गिरने के बीच भी एसआईपी में निवेश लगभग न के बराबर घटा है. ईटी की एक खबर के अनुसार, फरवरी में बाजार जहां 6 फीसदी तक गिरा तो वहीं एसआईपी में केवल 2 फीसदी की गिरावट आई.

जानकार मान रहे हैं कि ये गिरावट भी इसलिए आई क्योंकि फरवरी का महीना छोटा था, वरना एसआईपी इनफ्लो जनवरी जैसा ही होता. टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वर्दराजन का कहना है, “एसआईपी में निवेश मजबूत बना हुआ है. फरवरी में जरूर इसमें थोड़ी गिरावट आई है लेकिन ऐसा महीने में दिनों की संख्या कम होने के कारण हो सकता है. नहीं तो यह जनवरी के बराबर ही होता.” मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस,(इंडिया) सुरंजना बोरठाकुर ने कहा है, “SIP इनफ्लो में गिरावट जरूर आई है, लेकिन यह बहुत अधिक महत्वपूर्ण नहीं है. फरवरी का महीना छोटा होने के कारण ऐसा हुआ हो सकता है. मेरा मानना है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है और उन्हें SIP निवेश जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह लंबी अवधि के लिए बेहतर रणनीति होती है.”

लंबे निवेश की सलाह
हालांकि, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के CIO एस. नरेन ने SIP निवेश से जुड़े संभावित जोखिमों पर चेतावनी दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई निवेशक गलत समय पर गलत प्रोडक्ट में SIP के जरिए निवेश करता है, तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है. बकौल नरेन, “अगर कोई निवेशक गलत समय पर गलत प्रोडक्ट में SIP के जरिए निवेश करता है, तो उसे नुकसान झेलना पड़ सकता है.” उनके मुताबिक, SIP में निवेश तब ही फायदेमंद होता है जब इसे 20 साल से ज्यादा समय तक किया जाए, जो आमतौर पर बहुत कम निवेशक कर पाते हैं.

इक्विटी मार्केट की स्थिति
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भले ही फरवरी में इक्विटी में निवेश धीमा हुआ हो, लेकिन निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. फरवरी 2025 में कुल इक्विटी नेट इनफ्लो 26% घटकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया, जो 10 महीने का सबसे निचला स्तर था. फिर भी, लगातार 48 महीनों से इक्विटी फंड्स में पॉजिटिव इनफ्लो दर्ज किया गया है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है. PL कैपिटल के हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट सर्विसेज पंकज श्रेष्ठ ने कहा, “बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, लगातार 48 महीने तक इक्विटी इनफ्लो पॉजिटिव रहा है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है.”