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ट्रंप ने बता दिया अमेरिका क्या चीज है, मिडिल ईस्ट में बोल दिया सबसे बड़ा हमला, ईरान को दी सीधी धमकी

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपनी निगाहें टेढ़ी कर दी हैं. अमेरिका ने शनिवार को यमन में ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों पर बड़ा हमला किया, जिसमें अब तक 19 लोग मारे गए हैं. ट्रंप ने हूतियों के खिलाफ एक ‘निर्णायक’ सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया है. लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को हूती विद्रोही निशाना बनाते हैं. यह उनके खिलाफ अमेरिका की सबसे नई कार्रवाई है. ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हूती विद्रोहियों ने हमले नहीं रोके तो उनके खिलाफ ‘नरक की आग बरसेगी’. अमेरिका ने यह कार्रवाई तब शुरू की है जब एक दिन पहले ही ट्रंप ने इराक में ISIS कमांडर के मारे जाने का श्रेय लिया था.

ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी कि उसे हूतियों का समर्थन तुरंत बंद करना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अमेरिका को खतरे में डाला तो अमेरिका आपको ही पूरी तरह जिम्मेदार मानेगा और इसे हल्के में नहीं लेगा. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस समूह के खिलाफ तब तक घातक बल इस्तेमाल करेगा, जब तक कि हम अपना उद्देश्य हासिल नहीं कर लेते. एक अधिकारी ने चेतावनी दी कि ये हमले कई दिनों और सप्ताह तक चल सकते हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद मिडिल ईस्ट में यह सबसे बड़ा सैन्य अभियान है.

हमले पर क्या बोले हूती विद्रोही
ट्रंप ने हूतियों पर हमले के प्लान को मंजूरी दी थी, जिसके तहत यमन में हूतियों पर लगातार हमले जारी हैं. हूतियों की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राजधानी सना पर अमेरिकी हमलों में कम से कम 13 लोग मारे गए और नौ घायल हो गए. हूतियों वाले टीवी अल-मसीरा के मुताबिक उत्तरी प्रांत सादा में हमले में छह लोग मारे गए, जिनमें चार बच्चे और एक महिला शामिल है. 11 अन्य लोग घायल हुए. हूतियों के राजनीतिक ब्यूरो ने इन हमलों को ‘युद्ध अपराध’ कहा. हूतियों ने एक बयान में कहा, ‘हमारी यमनी सशस्त्र बल पूरी तरह से तैयार हैं. वे किसी भी वृद्धि का जवाब दे सकती हैं.’

हमले कैसे किए गए?
अधिकारियों ने कहा कि शनिवार के हमले आंशिक रूप से हैरी एस. ट्रूमैन विमानवाहक पोत से लड़ाकू विमानों के जरिए किए गए थे, जो लाल सागर में है. हूती एक सशस्त्र आंदोलन है, जिसने पिछले दशक में यमन के ज्यादातर हिस्से पर कंट्रोल कर लिया है. नवंबर 2023 से उसने लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर 100 से ज्यादा हमले किए हैं. हूतियों का कहना है कि गाजा युद्ध में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं. ईरान के अन्य सहयोगी संगठन जैसे गाजा में हमास और लेबनान का हिजबुल्लाह संघर्ष के कारण बहुत कमजोर हो चुके हैं.