

गुजरात के सूरत शहर में एक ड्रिल के लिए आए 131 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो पर शनिवार को असली आफत आ गई. उनकी जान खतरे में पड़ गई लेकिन उन सभी को कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया गया. लोगों की जान बचाने के लिए पहचाने जाने वाले ये फरिश्ते एक होटल में ठहरे हुए थे. तभी इनका असली आफस से सामना हो गया. शनिवार तड़के वे जिस चार मंजिला इमारत में ठहरे थे उसके एक हिस्से में आग लग गई. इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने उन्हें बचाया.
आग लगने की वजह संदेह है कि एक दुकान में शॉर्ट सर्किट हुआ होगा. यह दुकान एक्सेलस बिजनेस स्पेस नाम के एक व्यावसायिक परिसर की पहली मंजिल पर थी. आग सुबह करीब 5 बजे से पहले लगी. दुकान में मौजूद चार लोगों ने आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे. इसके बाद उन्होंने पास में स्थित सूरत फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज (एसएफईएस) स्टेशन को खबर दी, जो वहां से करीब 400 मीटर दूर था.
जब एसएफईएस की टीम मौके पर पहुंची, तो दुकान पूरी तरह आग की चपेट में थी. आग से उठने वाला धुआं ऊपरी मंजिलों तक फैल गया, जहां होटल था. इस होटल में एनएसजी कमांडो ठहरे हुए थे. फायर ब्रिगेड ने कुछ ही मिनटों में आग पर काबू पा लिया, लेकिन धुआं होटल तक पहुंच गया. यह होटल, जिसका नाम जेएमडी रूम्स एंड बैंक्वेट्स था, तीसरी और चौथी मंजिल पर स्थित था.
सांस लेना में आने लगी थी मुश्किल
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एसएफईएस के एक अधिकारी ने बताया अंधेरा और धुआं होने की वजह से ऊपरी मंजिलों पर मौजूद लोगों को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. धुआं इतना घना था कि सांस लेना मुश्किल हो गया था. ज्यादातर कमांडो पहले सीढ़ियों से नीचे आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमने उन्हें छत पर जाने के लिए कहा.
होटल में तीसरी मंजिल पर 8 कमांडो और चौथी मंजिल पर 123 कमांडो थे. अधिकारी ने आगे बताया कि जैसे ही कमांडो छत पर पहुंचे, हमारी टीम ने एक टर्नटेबल लैडर और हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया. हमने 20 कमांडो को हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से नीचे उतारा, जबकि बाकी लोगों को बाद में सीढ़ियों से सुरक्षित नीचे लाया गया.
एनएसजी की यह टीम गांधीनगर के क्षेत्रीय केंद्र से आई थी और पिछले तीन दिनों से सूरत में ठहरी हुई थी. वे सूरत पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के साथ मिलकर एक गेस्टहाउस में ड्रिल कर रहे थे. इस मॉक ड्रिल को देखकर कई लोग हैरान हो गए थे, क्योंकि भारी हथियारों से लैस कमांडो विशेष वाहनों में तेजी से इधर-उधर जा रहे थे.