उत्तर प्रदेश के मेरठ में पंद्रह सौ से ज्यादा मिलावटी मावा जब्त किया गया. इसे नष्ट कराने की तैयारी है. ढाई सौ किलोग्राम रसगुल्ला नष्ट कराया गया है, सौ किलो पनीर भी मिलावटी पकड़ी गई है. पांच सौ तीस किलो बत्तीसा, दो सौ चौबीस किलो घी सौ किलो मिल्क पाउडर, तीन सौ साठ किलो सड़ी हुई सोहन पापड़ी, अट्ठाइस लीटर रिफाइंड ऑयल जब्त कर लिया गया. प्रथमदृष्टया सैकड़ों किलो के ये खाद्य पदार्थ आपको गंभीर रूप से बीमार करने के लिए काफी हैं. ऐसे में आपका ये जानना बहुत जरूरी है कि कैसे मिलावट की पहचान करें और मिलावटखोरों को जेल की हवा खिलाएं.
अगर दूध में पानी की मिलावट की जांच करनी है तो इसके लिए दूध की एक बूंद को चिकनी परत पर रखते हैं. अगर दूध धीरे-धीरे सफेद लकीर के साथ आगे बढ़ता है तो यह शुद्ध है. वहीं, अगर बगैर लकीर छोड़े दूध बह जाता है तो उसमें पानी मिला है. कुछ जगह दूध में यूरिया, केमिकल मिलाने की शिकायत रहती है. इसकी जांच के लिए दूध में आयोडीन सॉल्यूशन की कुछ बूंद डालिए, अगर दूध नीला होता है तो मिलावट है.
खोया या पनीर की मिलावट देखने के लिए इसे थोड़ा लेकर पानी में उबालना चाहिए. ठंडा होने के बाद आयोडीन साल्यूशन की कुछ बूंद डालें. इसमें अगर रंग नीला होता है तो समझिए खोया और पनीर मिलावटी है. घी और मक्खन में अगर वनस्पति या किसी अन्य की मिलावट है तो एक चम्मच घी या मक्खन लेकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें. थोड़ी सी चीनी भी मिलाएं. दोनों को पांच से छह मिनट तक रख दें, अगर नीचे की सतह पर गंदा सा क्रीम कलर आता है तो समझना चाहिए कि घी या मक्खन शुद्ध नहीं है.