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भारत ने बनाई नई मिसाइल, क्या आप जानते हैं कि ये कैसे करती है काम

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लंबी दूरी की निर्भय क्रूज मिसाइल (Nirbhay cruise missile) का ओडिशा तट (Odisha coast)  पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में सफल परीक्षण किया गया. मिसाइल, जिसे स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (Indigenous Technology Cruise Missile, ITCM) के रूप में भी जाना जाता है, एक स्वदेशी प्रप्लशन सिस्टम और मानिक टर्बोफैन इंजन से लैस है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation, DRDO) द्व्रारा किए गए परीक्षण के दौरान मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने उम्मीद के हिसाब से प्रदर्शन किया. 

मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी के लिए एकीकृत परीक्षण रेंज-आईटीआर ने विभिन्न जगहों पर रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर लगाए थे. भारतीय वायुसेना के एसयू-30-एमके-I विमान से भी मिसाइल की उड़ान पर नजर रखी गई. निर्भय मिसाइल ने परीक्षण के दौरान 864 किमी से 1111 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की. इसमें टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी भी है. यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें उस पर निशाना लगाकर उसे निष्क्रिय करना मुश्किल होता है. यह दो स्टेज की मिसाइल है, पहले दौर में ठोस और दूसरे दौर में तरल ईंधन का इस्तेमाल होता है. 

300 किलो हथियार
यह मिसाइल 200-300 किलोग्राम के परंपरागत हथियार ले जा सकती है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम रेज 1500 किमी है. यह मिसाइल जमीन से कम से कम 50 मीटर ऊपर और अधिकतम चार किमी ऊपर उड़कर लक्ष्य को तबाह कर सकती है. इसमें ऐसी प्रणाली है कि यह मिसाइस रास्ते में अपनी दिशा बदल सकती है. यानी यह चलते फिरते टारगेट को भी निशाना बनाने में सक्षम है. यह समुद्र और जमीन दोनों जगहों से दागी जा सकती है. उम्मीद है कि सेना में शामिल होने के बाद इन मिसाइलों को भारत-चीन सीमा यानी एलएसी पर तैनात किया जाएगा. 

स्वदेशी रूप से विकसित
मिसाइल को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई), बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी प्रप्लशन सिस्टम के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया. मिसाइल ने वेपॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके वांछित पथ का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री-स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया. यह मिसाइल समुद्र से कम ऊंचाई पर उड़ते हुए दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है.

उन्नत सॉफ्टवेयर से लैस
बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है. सुपरसोनिक हथियार को बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और स्वदेशी उद्योगों के योगदान से विकसित किया गया है. इस परीक्षण को देश भर में स्थित विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ उत्पादन भागीदारों के प्रतिनिधियों ने भी देखा.

निर्भय क्रूज मिसाइल के बारे में:
1 यह लंबी दूरी की सब-सोनिक क्रूज मिसाइल है.
2 यह भारत की पहली स्वदेश निर्मित क्रूज मिसाइल है.
3 मिसाइल को बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत एक प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया.
4 यह उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीकता से हमला करने के लिए प्रतिद्वंद्वी क्षेत्र में गहरी पैठ बनाने में सक्षम है. 

निर्भय क्रूज मिसाइल की विशेषताएं:
1 लॉन्च के समय निर्भय की लंबाई 6.0 मीटर, व्यास 0.5 मीटर और वजन 1,500-1,600 किलोग्राम था.
2 यह 1,000 किलोमीटर की दूरी तक जमीन पर मौजूद लक्ष्य पर हमला कर सकती है.
3 इसमें एक ठोस प्रप्लशन बूस्टर मोटर का उपयोग किया जाता है जो लॉन्च के तुरंत बाद बंद हो जाती है और टर्बोजेट इंजन में बदल जाती है.
4 यह 100 मीटर से भी कम ऊंचाई पर 0.7 मैक (सब-सोनिक) गति से घूमने और परिभ्रमण करने में सक्षम है.
5 इसे 200-300 किलोग्राम के हथियार से लैस किया जा सकता है.
6 यह पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है.
7 इसे कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है.
8 यह एक सक्रिय-रडार टर्मिनल साधक के साथ आईएनएस/जीपीएस द्वारा निर्देशित होती है.