भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उल्हासनगर स्थित ‘द कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक’ पर पैसा निकालने सहित कई प्रतिबंध लगाए. बैंक पर ये प्रतिबंध उसकी खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए लगाए गए हैं. पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि में से 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे. कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत प्रतिबंध 23 अप्रैल, 2024 (मंगलवार) को कारोबार बंद होने के समय से लागू हो गए.
बैंक पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना किसी भी लोन और अग्रिम को मंजूरी या नवीनीकृत नहीं कर सकता है, कोई निवेश नहीं कर सकता है, कोई देनदारी हस्तांतरण नहीं कर सकता है या अपनी किसी भी संपत्ति का निपटान नहीं कर सकता है.
पैसा निकालने पर क्यों लगी रोक
केंद्रीय बैंक ने कहा, “बैंक की वर्तमान नकदी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी बचत खातों या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई भी राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन ऋणों को समायोजित करने की अनुमति है.” आरबीआई ने कहा कि ऋणदाता पर प्रतिबंध को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कामकाज करना जारी रखेगा.